किसानों के भारत बंद के आह्वान को मिल रहा समर्थन, कईं दल और संगठन आए साथ
तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। इन कानूनों के विरोध में किसान संगठन पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों के प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। इस गतिरोध का हल निकालने के लिए कई दौर की बैठक हो चुकी है, लेकिन अभी तक नतीजा नहीं निकला है।
कृषि कानूनों से जुड़ा मुद्दा क्या है?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।
किसानों ने किया भारत बंद का आह्वान
कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। हर बार बैठक बेनतीजा समाप्त हुई है। दोनों पक्षों के बीच अब अगली बैठक 9 दिसंबर को होगी। इससे एक दिन पहले यानी 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद बुलाया है। किसानों ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि अगर सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेती है तो वो 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे।
भारत बंद को मिल रहा व्यापक समर्थन
भारत बंद के आह्वान के बाद कई राजनीतिक दल और दूसरे संगठन किसानों के समर्थन में उतर आए है। इसके अलावा खिलाड़ियों और कलाकारों ने भी किसानों के इस आह्वान के पक्ष में अपनी आवाज उठाई है। किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि 8 दिसंबर को उनके आह्वान के बाद पूरे देश में भारी संख्या में लोग भारत बंद का समर्थन करेंगे। कई मजदूर संगठनों ने भी किसानों का समर्थन करने की बात कही है।
किसानों के साथ आई कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने भारत बंद में किसानों का साथ देने का ऐलान किया है। इस बारे में बताते हुए पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करने का फैसला किया है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अपने कार्यालयों के बाहर खड़े होकर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार ट्रैक्टर रैलियों और दूसरे कदमों से किसानों का साथ दे रहे हैं।
AAP और TRS भी किसानों के समर्थन में उतरी
कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने रविवार को घोषणा की कि वो किसानों के साथ है। इनके साथ-साथ DMK, CPI (M), CPI, MDMK ने भी किसानों के समर्थन में आवाज उठाई है। उधर एक्टर कमल हासन ने भी किसानों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के 10 सदस्यों की टीम दिल्ली आकर किसानों के प्रदर्शन में शामिल होगी। यह टीम सभी अलग-अलग प्रदर्शन स्थलों पर जाकर किसानों का साथ देगी।
बॉक्सर विजेंद्र सिंह बोले- मांगें नहीं मानी गई तो लौटा दूंगा पुरस्कार
ओलंपिक पदक विजेता विजेंद्र सिंह ने भी सिंघु बॉर्डर पहुंचकर किसानों का अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगें नहीं मानती है तो वो अपना राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार वापस कर देंगे।
किसानों के समर्थन में ट्रांसपोर्टरों ने बुलाई हड़ताल
दिल्ली में चल रहे किसान प्रदर्शनों के समर्थन में इंडियन टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन (ITTA) और दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने 8 दिसंबर को हड़ताल बुलाई है। ITTA के प्रमुख सतीश सहरावत ने कहा कि 51 यूनियनों ने किसानों के साथ आने का फैसला किया है। खेती और ट्रासंपोर्टिंग एक पिता के दो बेटों के समान है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) भी हड़ताल में शामिल होने की बात कह चुकी है।
सरकार की किसानों से पीछे हटने की अपील
संसद का विशेष सत्र बुला सकती है सरकार
किसानों के लगातार तेज होते प्रदर्शनों के बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुला सकती है। किसान नेताओं ने भी इसकी मांग की थी। किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र बुलाने के सवाल के जवाब में वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने कहा कि इसकी संभावना बनी हुई है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।