दिल्ली मार्च: किसानों ने उखाड़ फेंकी बैरिकेडिंग, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली मार्च कर रहे किसानों का हरियाणा-पंजाब सीमा पर पुलिस के साथ टकराव हो गया है। अंबाला-पटियाला रोड पर शंभू बॉर्डर के पास बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ रहे किसानों पर पुलिस ने पानी की बौछार कर दी, लेकिन किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। पुलिस ने मार्च को रोकने के लिए रास्ते में ट्रक खड़े किए थे, लेकिन किसानों ने इन्हें भी सड़क से हटा दिया है।
स्थिति बिगड़ती देखकर पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के लिए गोले दागे। फिर भी किसान रुकने का नाम नहीं ले रहे। किसानों ने पुल पर लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़कर नीचे फेंक दिया, जिसके बाद रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को आगे किया गया है। हरियाणा ने पंजाब के साथ लगती सीमाओं पर धारा 144 लागू कर उन्हें सील कर दिया है, लेकिन किसान सारी घेराबंदी को तोड़ते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी किसानों पर वाटर कैनन के इस्तेमाल के लिए सरकार की आलोचना की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।
#WATCH Farmers' protest continues at Shambhu border, near Ambala (Haryana) as police stop them from proceeding to Delhi pic.twitter.com/UtssadGKpU
— ANI (@ANI) November 26, 2020
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन से रोका जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।'
#WATCH Police use tear gas shells to disperse farmers who are gathered at Shambhu border, near Ambala (Haryana) to proceed to Delhi to stage a demonstration against the farm laws pic.twitter.com/ER0w4HPg77
— ANI (@ANI) November 26, 2020
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने 26 और 27 नवंबर को 'दिल्ली मार्च' का ऐलान किया था और आज सबसे पहले पंजाब के किसान दिल्ली पहुंच सकते हैं। वे बुधवार शाम से ही हरियाणा बॉ़र्डर पर इकट्ठा होना शुरू हो गए और अपनी रात यही गुजारी। आज वे यहीं से दिल्ली के लिए मार्च करेंगे। उनका कहना है कि उन्हें जहां रोका गया, वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे।
पंजाब से आ रहे इन किसानों को रोकने के लिए हरियाणा ने पंजाब से लगते अपनी पूरे बॉर्डर को सील कर दिया है। इसके अलावा पंजाब आने-जाने वाली बसों को भी दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है। राज्य के कई इलाकों में धारा 144 भी लगा दी गई है और कई किसाने नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। दिल्ली से लगते गुरूग्राम और फरीदाबाद में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
दरअसल, मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।