हरियाणा में जल्द बनेगा 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून- अनिल विज
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर दोहराया है कि राज्य सरकार जल्द ही 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लाने वाली है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में लाए गए अध्यादेश पर प्रतिक्रिया देते हुए विज ने यह बात कही। इससे पहले निकिता तोमर हत्याकांंड के बाद विज ने कहा था कि हरियाणा में 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि युवा लड़कियों को बचाने के लिए इस कानून की जरूरत है।
क्या बोले विज?
मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 'लव जिहाद' के तहत जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए बनाए गए धर्म परिवर्तन विरोधी बिल, 2020 अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विज ने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के गुनहगारों पर एक्शन के लिए योगी कैबिनेट ने इस कानून पर अंतिम मुहर लगा दी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिंदाबाद। हरियाणा भी लव जिहाद पर शीघ्र कानून बनाएगा।'
कई बार कानून लाने की बात कह चुके हैं विज
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार भी 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी कर रही है। विज कई बार इसका जिक्र कर चुके हैं। यहां तक की राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी इसे लेकर बयान दिया था।
खट्टर ने की थी ये टिप्पणी
खट्टर ने कहा था कि चूंकि बल्लभगढ़ का मामला 'लव जिहाद' से जुड़ा हुआ है इसलिए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार भी इसे गंभीरता से ले रही है। सरकार कानूनी प्रावधानों पर विचार कर रही है ताकि दोषी बचे न और किसी निर्दोष को सजा न हो। खट्टर बल्लभगढ़ निकिता तोमर हत्याकांड की तरफ इशारा कर रहे थे, जहां एक 21 वर्षीय लड़की की दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अध्यादेश में क्या प्रावधान किये हैं?
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि अध्यादेश में जबरन सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में 50,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल का प्रावधान है। दवाब डालकर या झूठ बोलकर धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल का प्रावधान है। इसी तरह अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण के लिए 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी।
'लव जिहाद' का मतलब क्या होता है?
बता दें कि 'लव जिहाद' शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी संगठन अंतर-धार्मिक शादी के लिए करते हैं। इसमें उनका आरोप होता है कि मुस्लिम पुरुष से शादी कराने के लिए महिला को बहला-फुसलाकर या जबरन उसका धर्म-परिवर्तन किया जाता है। हालांकि, केंद्र सरकार ऐसी किसी शब्दावली को नहीं मानती। सरकार ने संसद को बताया था कि मौजूदा कानूनों में 'लव जिहाद' को परिभाषित नहीं किया गया है और किसी केंद्रीय एजेंसी के सामने ऐसा कोई मामला नहीं आया है।