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चाबहार समझौते को लेकर जयशंकर की अमेरिका को दो टूक, बोले- छोटी सोच नहीं रखनी चाहिए
जयशंकर ने चाबहार समझौते को लेकर अमेरिकी चेतावनियों का जवाब दिया है

चाबहार समझौते को लेकर जयशंकर की अमेरिका को दो टूक, बोले- छोटी सोच नहीं रखनी चाहिए

लेखन आबिद खान
May 15, 2024
10:56 am

क्या है खबर?

भारत और ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह को लेकर 10 साल का बेहद जरूरी समझौता हुआ है। इस समझौते पर अमेरिका ने चेतावनी दी कि कोई भी तेहरान के साथ व्यापारिक सौदे करने के लिए विचार बना रहा है तो उसे संभावित प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका की इस चेतावनी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि लोगों को इसे लेकर संकीर्ण दृष्टिकोर्ण नहीं रखना चाहिए।

समझौता

क्या है चाबहार समझौता?

भारत और ईरान क बीच ये समझौता चाबहार स्थित शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के संचालन के लिए किया है। फिलहाल इसकी अवधि 10 साल की है और इसके बाद ये स्वत: ही बढ़ जाएगी। ये समझौता इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और पोर्ट्स एंड मैरीटाइम ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ईरान के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और उनके ईरानी समकक्ष की उपस्थिति में हुआ। समझौते के तहत इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड करीब 3,000 करोड़ रुपये का निवेश बंदरगाह में करेगी।

बयान

क्या बोले जयशंकर?

जयशंकर ने कहा, "मैंने कुछ टिप्पणियां देखीं, जो की गई थीं। हालांकि, मुझे लगता है कि यह लोगों को संवाद करने, समझाने और समझाने का सवाल है कि यह वास्तव में सभी के फायदे के लिए है। मुझे नहीं लगता कि लोगों को इसके बारे में छोटी सोच रखना चाहिए। अमेरिका ने पहले ऐसा नहीं किया है, इसलिए अगर आप चाबहार बंदरगाह को लेकर अमेरिका के रवैये को देखें तो पहले वह बंदरगाह की प्रासंगिकता की सराहना करता रहा है।"

जयशंकर

जयशंकर बोले- चुनावी नतीजों के लिए कोर्ट जाने वाले हमें बताएंगे

विदेश मंत्री ने कहा, "पश्चिमी मीडिया चाहता है कि देश पर एक खास वर्ग के लोगों का राज हो। वे अखबार आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएंगे। कोई सूचकांक लेकर आएगा और उसमें आपको डाल देगा। जिन देशों को अपने चुनावी नतीजे तय करने के लिए अदालत जाना पड़ता है, वे हमें चुनाव कैसे कराने हैं, इसके बारे में ज्ञान दे रहे हैं। ये दिमाग का खेल है, जो दुनिया में हो रहा है।"

पश्चिमी देश

जयशंकर ने पश्चिमी देशों पर साधा निशाना

जयशंकर ने कहा, "पश्चिमी देश हमें प्रभावित करना चाहते हैं, क्योंकि इनमें से कई देशों को लगता है कि उन्होंने पिछले 70-80 सालों से दुनिया को प्रभावित किया है। पश्चिमी देशों को असल में लगता है कि उन्होंने पिछले 200 सालों से दुनिया को प्रभावित किया है। आप ऐसे शख्स से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वह अपनी उन पुरानी आदतों को आसानी से छोड़ देगा। वे एक खास वर्ग को देश पर शासन करते हुए देखना चाहते हैं।"

अमेरिका

चाबहार समझौते पर अमेरिका ने क्या कहा था?

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने चाबहार समझौते को लेकर कहा था कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहेंगे। उन्होंने कहा था, "मैं सिर्फ इतना कहूंगा ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहेंगे और हम उन्हें लागू करना जारी रखेंगे। कोई भी संस्था अगर ईरान के साथ व्यापार सौदों पर विचार कर रहा है, तो उन्हें इस जोखिम के बारे में पता होना चाहिए कि प्रतिबंध लग सकते हैं।"