NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / दुनिया की खबरें / #NewsBytesExplainer: जर्मनी के कब्जे में क्यों है भारतीय दंपति की बच्ची? जानें पूरा मामला
    अगली खबर
    #NewsBytesExplainer: जर्मनी के कब्जे में क्यों है भारतीय दंपति की बच्ची? जानें पूरा मामला
    अरिहा को सितंबर 2021 में जर्मन अधिकारियों ने हिरासत में लिया था, तब अरिहा केवल 7 महीने की थी

    #NewsBytesExplainer: जर्मनी के कब्जे में क्यों है भारतीय दंपति की बच्ची? जानें पूरा मामला

    लेखन आबिद खान
    Mar 10, 2023
    05:56 pm

    क्या है खबर?

    एक भारतीय दंपति की तीन साल की बच्ची पिछले डेढ़ साल से जर्मन अधिकारियों की हिरासत में है। जब दंपति को जर्मनी में मदद नहीं मिली, तो वे भारत आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अपनी बच्ची को वापिस लाने में मदद करने की मांग की है।

    बता दें कि जर्मन अधिकारियों ने दंपति पर बच्ची के यौन शोषण का आरोप लगाया था।

    इस मामले की पूरी कहानी जानते हैं।

    शुरुआत

    कैसे हुई मामले की शुरुआत?

    बच्ची की मां के मुताबिक, सितंबर 2021 में उनकी बेटी अरिहा को खेलते हुए प्राइवेट पार्ट में चोट लग गई थी। जब दंपति उसे अस्पताल लेकर पहुंचा तो डॉक्टर ने बताया कि बच्ची बिल्कुल ठीक है और उन्हें घर भेज दिया। जब वे दोबारा डॉक्टर के पास गए तो अस्पताल प्रबंधन ने बच्ची चाइल्ड सर्विसेज को सौंप दी।

    दरअसल, बच्ची के प्राइवेट पार्ट पर चोट की वजह से अस्पताल प्रबंधन को शक था कि उसके साथ यौन शोषण हुआ है।

    केस

    फरवरी, 2022 में बंद हो चुका है यौन शोषण का केस

    दंपति पर यौन शोषण का केस दर्ज होने के बाद दोनों के DNA सैंपल लिए गए। पुलिस की जांच, मेडिकल रिपोर्ट और DNA सैंपल से ये साबित हो गया कि बच्ची का यौन शोषण नहीं हुआ है।

    इसके बाद फरवरी, 2022 में यौन शोषण का केस बंद कर दिया गया। हालांकि, इसके बाद भी दंपति को बेटी नहीं सौंपी गई। चाइल्ड सर्विसेस ने उन्हें हिरासत देने के खिलाफ कोर्ट में नया केस लगा दिया।

    मुकदमा

    हिरासत देने के खिलाफ कोर्ट में दायर हुआ मुकदमा

    कोर्ट ने दंपति को आदेश दिया कि उन्हें पेरेंट-एबिलिटी रिपोर्ट पेश करनी होगी। इसके लिए मनोचिकित्सक ने दंपति से 12 घंटे पूछताछ की और 150 पेज की रिपोर्ट एक साल बाद पेश की गई।

    इस रिपोर्ट में मनोचिकित्सक ने कहा कि माता-पिता और बच्चे की बीच रिश्ता बहुत मजबूत है और बच्ची को माता-पिता को सौंप देना चाहिए।

    हालांकि, रिपोर्ट मे यह भी कहा गया कि माता-पिता को बच्ची को पालना नहीं आता है। यहां आकर मामला दोबारा फंस गया।

    फैसला

    बच्ची किसके पास रहेगी, इसका फैसला खुद करेगी- जर्मनी

    रिपोर्ट में कहा गया कि दंपति को बच्ची को पालना नहीं आता है, इसलिए उन्हें एक फैमिली हाउस में रखा जाए। जब बच्ची 3 से 6 साल की हो जाएगी, तब खुद तय करेगी कि उसे माता-पिता के साथ रहना है या कस्टडी में।

    बच्ची के पिता ने कहा, "कोर्ट ने इसकी पीछे वजह बताई कि हमने बच्ची को उसकी मर्जी के हिसाब से खाने दिया, खेलने दिया और उसे पर्याप्त तरीके से अनुशासित नहीं किया।"

    मिलना

    एक महीने में 2 बार बच्ची से मिलने की अनुमति

    बच्ची की मां ने बताया कि पहले उन्हें महीने में एक बार ही अपनी बच्ची से मिलने दिया जाता था, वो भी किसी सामाजिक कार्यकर्ता की उपस्थिति में। इसे लेकर वे कोर्ट गए थे। सितंबर, 2022 में कोर्ट ने उन्हें महीने में 2 बार बच्ची से मिलने की इजाजत दी।

    हालांकि, चाइल्ड केयर के लोग आदेश का पालन नहीं करते थे। दिसंबर, 2022 में भारत सरकार के दखल के बाद उन्होंने आदेश का पालन करना शुरू किया।

    जर्मनी

    मामले पर जर्मनी का क्या कहना है?

    इस मामले में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने दिसंबर, 2022 में कहा था कि वे इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हैं।

    जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक ने कहा था, "हमारे लिए बच्ची की भलाई ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है। चाइल्ड एजेंसी बच्चे को तभी अपनी हिरासत में लेती है, जब बच्चा अपने घर में सुरक्षित नहीं है। फिलहाल मामला कोर्ट में लंबित है। फैसले के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है।"

    विदेश मंत्री

    भारतीय विदेश मंत्री ने जर्मनी से की थी अपील

    दिसंबर, 2022 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले में जर्मन विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक से बात की थी।

    जयशंकर ने कहा था, "हमारी चिंता है कि बच्ची को अपने भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक माहौल में रहना चाहिए। यह उसका अधिकार है और हमारा दूतावास जर्मन प्रशासन के साथ इस पर काम कर रहा है।"

    फरवरी, 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात की थी। तब भी अरिहा के मुद्दे पर बातचीत हुई थी।

    जानकारी

    कौन हैं बच्ची के माता-पिता

    अरिहा का परिवार गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला है। उसके पिता एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं और वर्क वीजा पर जर्मनी गए थे। हालांकि, सितंबर, 2021 में केस दर्ज होने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था।

    अन्य मामला

    पहले भी सामने आ चुका है इस तरह का मामला

    इस तरह का चर्चित मामला सागरिका और अनुरूप भट्टाचार्य का है। नॉर्वे में रह रहे इस दंपति के दो बच्चों को 2011 में चाइल्ड एजेंसी ने अपनी हिरासत में ले लिया था। दंपति पर आरोप था कि उन्होंने बच्चों को प्रताड़ित किया।

    लंबी कानूनी लड़ाई के बाद दंपति को बच्चे वापिस सौंपे गए। इस मामले पर 'मिसेस चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' नामक फिल्म भी बनी है, जिसमें रानी मुखर्जी मुख्य किरदार निभा रही हैं। फिल्म 17 मार्च को रिलीज होगी।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    जर्मनी
    अहमदाबाद
    एस जयशंकर
    नरेंद्र मोदी

    ताज़ा खबरें

    मिजोरम में सबसे अधिक पढ़े-लिखे लोग, जानिए कैसे हासिल की पूर्ण साक्षर राज्य की उपलब्धि मिजोरम
    IPL 2025 में खूब चला यशस्वी जायसवाल का बल्ला, आंकड़ों के साथ जानिए उनका प्रदर्शन  IPL 2025
    सुप्रीम कोर्ट ने अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान को जमानत दी, कहा- सस्ती लोकप्रियता क्यों? अशोका यूनिवर्सिटी
    टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर कैसे बनाएं डिजिटल आर्ट?  काम की बात

    जर्मनी

    झारखंड की नेशनल शूटर कोनिका लायक को सोनू सूद जर्मनी से मंगवाकर गिफ्ट करेंगे राइफल ट्विटर
    जर्मनी, फ्रांस और इटली जैसे बड़े यूरोपीय देशों ने भी बंद किया एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल इटली
    बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच यूरोप में लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन वैक्सीन समाचार
    कोरोना वायरस: जर्मनी में ईस्टर पर पांच दिन का शटडाउन, लागू रहेंगी कड़ी पाबंदियां लॉकडाउन

    अहमदाबाद

    ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स: देश में बेंगलुरू और शिमला रहने के लिए सर्वोत्तम शहर पुणे
    बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच गुजरात के चार शहरों में नाइट कर्फ्यू का ऐलान गुजरात
    अहमदाबाद: कोरोना संक्रमित की मौत के बाद परिजनों का अस्पताल में उपद्रव, तीन गिरफ्तार कोरोना वायरस
    जाइडस कैडिला को इसी महीने अपनी कोरोना वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिलने की उम्मीद भारत की खबरें

    एस जयशंकर

    सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार ने कहा- अफगानिस्तान से सभी भारतीयों को बाहर निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता अफगानिस्तान
    सरकार ने अफगानिस्तान की महिला सांसद को वापस भेजना बताया गलती, इमरजेंसी वीजा की पेशकश की अफगानिस्तान
    UK का कोविशील्ड को मान्यता नहीं देना भेदभावपूर्ण, करेंगे पारस्परिक उपाय- सरकार भारत की खबरें
    भारत की चेतावनी के बाद UK ने दी 'कोविशील्ड' को मान्यता, जारी की नई एडवाइजरी भारत की खबरें

    नरेंद्र मोदी

    सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की भारत में BBC पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका BBC
    #NewsBytesExplainer: दाऊदी बोहरा कौन हैं और प्रधानमंत्री मोदी की उनसे मुलाकात के क्या राजनीतिक मायने हैं?  मुस्लिम
    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन आज, जानें एक्सप्रेसवे की खासियत  दिल्ली
    भगत सिंह कोश्यारी से जुड़े प्रमुख विवाद, जिनसे गरमा गई थी महाराष्ट्र की राजनीति महाराष्ट्र
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025