
रूस: अब सीमित मात्रा में ही आवश्यक खाद्य सामग्री खरीद पाएंगे लोग, कालाबाजारी को रोकना मकसद
क्या है खबर?
रूस की सरकार ने खुदरा दुकानों से आवश्यक खाद्य सामग्रियों की बिक्री की सीमा तय कर दी है। पश्चिमी देशों द्वारा देश पर लगाई गईं आर्थिक पाबंदियों के कारण खाने के सामान की कालाबाजारी की आशंका को देखते हुए ये कदम उठाया गया है।
सरकार के इस कदम के बाद अब रूसी नागरिक एक तय सीमा में ही खाने का सामान खरीद पाएंगे। ये कदम आने वाले कठिन समय का संकेत भी देता है।
बयान
हालिया दिनों में लोगों ने बड़ी मात्रा में खरीदा खाने का सामान
रूस के व्यापार और उद्योग मंत्रालय ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि हाल ही में ऐसे मामले देखने को मिले थे जहां आवश्यक खाद्य पदार्थों को निजी खपत के लिए आवश्यक मात्रा से काफी अधिक मात्रा में खरीदा गया।
मंत्रालय ने कहा कि कई टन की मात्रा में खाद्य पदार्थ खरीदे गए और इन्हें बाद में बेचने के लिए खरीदा गया। इसने खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी की आशंकाओं को बढ़ा दिया।
सुझाव
खुदरा विक्रेताओं के संगठनों ने ही दिया सीमा तय करने का सुझाव
मंत्रालय के अनुसार, खुदरा विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यापारिक संगठनों ने सुझाव दिया था कि खुदरा विक्रेताओं को एक व्यक्ति को एक सीमित मात्रा में आवश्यक खाद्य पदार्थ बेचने का निर्देश दिया जाए।
व्यापार और उद्योग मंत्रालय और कृषि मंत्रालय ने संगठनों के इस सुझाव का समर्थन किया और इससे संबंधित नीति बनाने की जिम्मेदारी उन्हीं पर डाल दी।
जिन सामग्रियों की सीमा तय की गई है, उनमें रोटी, चावल, आटा, अंडे और मांस आदि शामिल हैं।
आर्थिक प्रतिबंध
पश्चिमी देशों ने रूस पर लगाए हैं गंभीर आर्थिक प्रतिबंध
बता दें कि रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद अमेरिका और अन्य देशों ने रूस पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
रूस के सबसे बड़े बैंक समेत कई बैंकों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति वाले ये बैंक अब डॉलर में लेनदेन नहीं कर सकते और उनकी सारी संपत्ति फ्रीज कर दी गई है।
अमेरिका ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके करीबी अमीरों पर भी कड़े प्रतिबंध आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
सबसे कड़ी पाबंदी
रूसी बैंकों को SWIFT से बाहर निकाला गया
अमेरिका ने यूरोपीय संघ (EU) के साथ मिलकर रूस के कई बड़े बैंकों को अंतरराष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम SWIFT (सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) से भी बाहर निकाल दिया है।
युद्ध के बाद रूस के खिलाफ उठाया गया ये सबसे कड़ा प्रतिबंध है और इसे "आर्थिक पाबंदियों का परमाणु बम" भी कहा जाता है।
बैंकिंग सिस्टम के जीमेल की तरह काम करने वाले SWIFT से बाहर होने पर रूस के बैंक अन्य अंतरराष्ट्रीय बैंकों से लेनदेन नहीं कर पाएंगे।
जानकारी
प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर पड़ा रहा बड़ा असर
इन प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ा है और स्थिति को संभालने के लिए देश के केंद्रीय बैंक ने कई अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के क्रेडिट सुविधाएं बंद करने से भी रूसी नागरिकों को भारी असुविधा हो रही है।