जम्मू-कश्मीर: आतंकवाद छोड़ चुके युवाओं से पाकिस्तानी कमांडरों ने फिर से साधा संपर्क, अलर्ट पर सेना
जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के कमांडरों ने आतंकवाद छोड़कर आत्मसमर्पण कर चुके युवाओं से फिर से संपर्क साधा है। हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण के बाद सुधार की प्रक्रिया से गुजर रहे युवाओं ने सेना अधिकारियों को इसकी जानकारी दी है। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में सेना को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया गया है। सेना के जवान अब इन युवाओं के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
आतंकी कमांडरों ने दिया फिर से संगठन में शामिल होने का ऑफर
न्यूज 18 के अनुसार, मामले की जानकारी रखने वाले सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद छोड़कर आत्मसमर्पण करने और अब सामान्य जीवन जी रहे कुछ युवाओं ने उनसे संपर्क किया है। युवाओं ने कहा है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी कमांडर बार-बार उनसे संपर्क कर रहे हैं और उन्हें फिर से संगठन में शामिल होने की कह रहे हैं।" उन्होंने कहा, "इस सूचना के बाद सेना की सभी यूनिटों को अलर्ट किया गया है।"
ISI के अधिकारियों ने Pok में की आतंकी संगठनों के साथ बैठक
सेना के अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की एजेंसी ISI के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pok) के बिम्बर इलाके में हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठनों के शीर्ष कमांडरों के साथ एक गुप्त बैठक की है। इस बैठक में जम्मू संभाग में आतंकियों की संख्या को बढ़ाने का निर्णय किया गया है। इसके बाद आतंकी युवाओं से संपर्क कर रहे हैं।
आतंकी गाइड हाजी आरिफ को मिली थी आतंकवाद फैलाने की जिम्मेदारी
सेना के अधिकारी ने बताया कि बैठक में ISI अधिकारियों ने नवंबर के अंत में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए आतंकी गाइड हाजी आरिफ को पुंछ-राजौरी में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने का काम सौंपा गया था। उन्होंने बताया कि आरिफ को इलाके में आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादियों को फिर संगठन में शामिल करने का भी काम सौंपा था। उसके बाद उसने सेना को सूचना देने वाले आतंकवाद छोड़ चुके युवाओं से संपर्क भी साधा था।
आतंकी संगठनों को कश्मीर घाटी में झेलना पड़ा है काफी नुकसान
सूत्रों ने कहा पिछले कुछ महीनों में आतंकवादी संगठनों को कश्मीर घाटी में काफी नुकसान हुआ है और वो जम्मू क्षेत्र में कोई उपस्थिति स्थापित नहीं कर पाए हैं। इससे आतंकवादी कैडरों के मनोबल में कमी आई हैं। ऐसे में वह अब फिर से जम्मू क्षेत्र के पुंछ, राजौरी, डोडा और किश्तवाड़ में अपनी उपस्थिति स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि सेना अब आतंकियों की हर गतिविधि पर नजर रखने का प्रयास कर रही है।
हथियार और गोला-बारूद की कमी से जूझ रहे हैं आतंकी
सेना के सूत्रों ने कहा कि सेना की लगातार कार्रवाई के कारण अब आतंकी संगठन आतंकी, हथियार और गोला-बारूद की कमी से जूझ रहे हैं। एक कारण यह भी है कि आतंकी संगठन जम्मू की ओर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे थे।