रामेश्वरम कैफे धमाके के 2 आरोपी कौन हैं और कैसे NIA की गिरफ्त में आए?
बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में हुए धमाके में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। NIA ने 2 आरोपियों को पश्चिम बंगाल के कोलकाता से गिरफ्तार किया है। इनके नाम अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब हैं। NIA ने दावा किया है कि मुसाविर रामेश्वरम कैफे विस्फोट का मास्टरमाइंड है। फिलहाल दोनों को 10 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है। आइए जानते हैं दोनों कौन हैं और कैसे पकड़े गए।
कौन है दोनों आरोपी?
NIA के मुताबिक, मुसाविर ने एक मार्च को कैफे में इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) रखा था, जबकि ताहा ने इसकी पूरी योजना बनाई थी। ताहा और मुसाविर दोनों शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं। दोनों पहले एक अन्य चरमपंथी समूह अल हिंद आतंकी मॉड्यूल का भी हिस्सा थे, जिसे इस्लामिक स्टेट (IS) से प्रेरित माना जाता है। दोनों जनवरी, 2020 से जांच एजेंसियों के रडार पर है और तीर्थहल्ली मॉड्यूल के प्रमुख सदस्य हैं।
कैसे पहचाने गए आरोपी?
NIA ने 1,000 से अधिक CCTV कैमरों की जांच कर संदिग्धों की पहचान की है। ताहा हमेशा एक टोपी पहनता था, जिसे घटना वाले दिन शाजिब ने पहना था। एक CCTV फुटेज में NIA ने ताहा को चेन्नई के एक मॉल से टोपी खरीदते हुए पाया। विस्फोट के बाद आरोपी ने कुछ दूरी पर टोपी गिरा दी थी। ये टोपी जनवरी के अंत में एक मॉल से खरीदी गई थी।
कैसे पकड़ में आए आरोपी?
NIA ने आरोपियों की पहचान के लिए एक हजार से अधिक CCTV कैमरों की जांच की थी। जांच में पाया गया कि जो टोपी इन दोनों ने पहनी थी, उसके सिर्फ 400 पीस ही बेचे गए थे। जांच के दौरान NIA को 4 ऐसे चश्मदीद मिले, जिन्होंने धमाके वाली जगह पर दोनों के मौजूद होने की बात कही थी। NIA के हाथ मुजम्मिल नामक शख्स भी लगा था, जिसने दोनों को बेंगलुरु से बाहर भागने में मदद की थी।
फर्जी दस्तावेजों का कर रहे थे इस्तेमाल
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 मार्च को दोनों ने कोलकाता के इकबालपुर इलाके में ड्रीम गेस्ट हाउस में चेक इन किया था। दोनों ने यहां पर फर्जी पहचान पत्र दिया हुआ था और 28 मार्च तक इसी होटल में ठहरे हुए थे। दोनों पकड़े जाने से बचने के लिए हर जगह नगद पैसे देते थे। धमाके के बाद ताहा तमिलनाडु होते हुए भागना चाहता था और मुसाविर सीधा बेंगलुरु से भागने की फिराक में था।
NIA ने 18 जगहों पर मारे छापे
NIA ने इस मामले में भाजपा कार्यकर्ता साई प्रसाद को भी हिरासत में लिया था। NIA का कहना था कि साई का आरोपियों से संबंध है। बाद में NIA ने कर्नाटक में 12, तमिलनाडु में 5 और उत्तर प्रदेश में एक जगह सहित कुल 18 स्थानों पर छापे मारे थे। 9 मार्च को NIA ने आरोपी की तस्वीर जारी की थी। एजेंसी ने आरोपियों की जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने का भी ऐलान किया था।
धमाके में घायल हुए थे 9 लोग
1 मार्च को बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड स्थित मशहूर रामेश्वरम कैफे में धमाका हुआ था, जिसकी चपेट में आने से 9 लोग घायल हो गए थे। शुरू में इसे गैस सिलेंडर से हुआ धमाका माना गया था, लेकिन बाद में जानकारी सामने आई कि धमाके में IED का उपयोग किया गया है। पहले मामले की जांच कर्नाटक पुलिस कर रही थी, जिसे बाद में NIA को सौंप दिया गया। धमाके को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी हुई थी।