उदयपुर-अहमदाबाद पटरी धमाका: राजस्थान पुलिस ने घटना को बताया आतंकी कार्य, UAPA के तहत FIR दर्ज
राजस्थान पुलिस ने शनिवार को उदयपुर में रेलवे पटरी पर हुए धमाके को एक आतंकी घटना बताया है। पुलिस ने मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत FIR दर्ज की है जिसका इस्तेमाल आतंक के मामलों में किया जाता है। शुरूआत जांच में भी सामने आया है कि यह एक आतंकी कार्य था और इसका मकसद लोगों के अंदर दहशत और आतंक फैलाना था। अभी तक यह सामने नहीं आया है कि इस घटना को किसने अंजाम दिया।
क्या है रेल पटरी पर धमाके का यह मामला?
शनिवार शाम को उदयपुर-अहमदाबाद रेल पटरी पर उदयपुर के ओडा पुल के पास धमाका हुआ था। अहमदाबाद से आ रही उदयपुर-असरवा एक्सप्रेस ट्रेन के आगमन से कुछ समय पहले ही यह धमाका हुआ था और धमाके के बाद ट्रेन को डूंगरपुर में रोक दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को ही इस ट्रेन का उद्घाटन किया था और कुछ दिन बाद ही इस पर धमाके के कारण मामले में साजिश की आशंका जताई जा रही थी।
आतंक फैलाकर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाना था घटना का मकसद- पुलिस
अब शुरूआती जांच के बाद पुलिस ने घटना को आतंकी कार्य बताया है। राजस्थान पुलिस की FIR के अनुसार, शनिवार शाम 7:00-7:30 बजे के बीच ओडा गांव के निवासियों ने धमाके की आवाज सुनी और जब वो घटनास्थल पर पहुंचे तो क्षतिग्रस्त रेलवे पटरी, विस्फोटकों और प्लास्टिक के कचरे को देखकर हैरान रह गए। FIR में कहा गया है कि पटरी पर विस्फोटक लगाए गए थे और इसका मकसद आम लोगों में आतंक फैलाकर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाना था।
UAPA की धारा 16 और 18 के तहत दर्ज की गई FIR
पुलिस ने मामले में UAPA की धारा 16 (आतंकी कृत्य की सजा) और धारा 18 (आतंकी कृत्य करना) के तहत FIR दर्ज की है। इसके अलावा मामले में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और जनता और संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराएं भी लगाई गई हैं। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 150, 151 और 285 का भी इस्तेमाल किया गया है। राजस्थान पुलिस प्रमुख उमेश मिश्रा ने मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई का निर्देश दिया है।
मामले की जांच में NIA और ATS भी शामिल
केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव के निर्देश पर मामले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), आतंकवाद रोधी दस्ता (ATS) और रेलवे पुलिस बल (RPF) की टीमें भी शामिल हो गई हैं। NIA और ATS आमतौर पर आतंक के मामलों की जांच करती हैं।
पुलिस को इन तत्वों पर धमाके को अंजाम देने का शक
अभी तक घटना में किसी का भी हाथ होने का सबूत नहीं मिला है, हालांकि पुलिस के सूत्रों ने समाचार चैनल आज तक से दो तरह के लोगों पर शक होने की बात कही है। पुलिस को शक है कि एक अलग आदिवासी राज्य की मांग कर रहे दक्षिण राजस्थान के कट्टरपंथी तत्व इस धमाके के पीछे हो सकते हैं। इसके अलावा इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के इसके पीछे होने का भी शक है।