NIA की गृह मंत्रालय से मांग, उत्तर भारत के कुख्यात कैदियों को अंडमान-निकोबार भेजा जाए
क्या है खबर?
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत की जेलों में बंद कुख्यात कैदियों को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की जेलों में भेजने की तैयारी की जा रही है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस संबंध में गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में NIA और गृह मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच लंबी चर्चा भी हुई है। कुछ कैदियों को असम की जेलों में भी भेजा जा सकता है।
वजह
कैदियों की जेल क्यों बदली जा रही?
NIA उन कैदियों को अंडमान निकोबार भेजना चाहती है, जो उत्तर भारत की जेलों के भीतर से ही अपना गिरोह चला रहे हैं। दिल्ली की जेल में बंद कैदियों के बीच गैंगवार का खतरा भी है।
2 मई को तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई थी।
मार्च महीने में गैंगस्टर लॉरेस बिश्नोई का एक इंटरव्यू सामने आया था। जिस समय ये इंटरव्यू जारी किया गया, उस समय बिश्नोई बठिंडा जेल में बंद था।
जगह
अंडमान निकोबार ही क्यों चुना?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले NIA ने उत्तर भारत की जेलों से कम से कम 25 कैदियों को दक्षिण भारतीय राज्यों की जेलों में भेजने की मांग की थी। जब इस पर चर्चा हुई तो पता चला कि ये एक लंबी प्रक्रिया है, क्योंकि इसके लिए राज्य सरकारों से अनुमति लेनी होगी।
चूंकि अंडमान और निकोबार केंद्र शासित प्रदेश है और यहां का प्रशासन केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है, इसलिए यहां अनुमति का झंझट नहीं होगा।
असम
असम भी भेजे जा सकते हैं कुछ कैदी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ कैदियों को असम की जेलों में भी भेजे जाने पर विचार किया जा रहा है। असम में फिलहाल भाजपा की सरकार है, ऐसे में यहां भी अनुमति वाला कोई मसला नहीं है।
असम की डिब्रूगढ़ जेल में ही खालिस्तानी समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों को रखा गया है।
मई में तिहाड़ जेल प्रशासन ने सुरक्षा के आधार पर कैदियों को दूसरे राज्य में भेजे जाने की मांग की थी।
जेल
जेल से गिरोह संचालित कर रहे कुख्यात कैदी
पिछले साल अगस्त में NIA ने उत्तर भारत राज्यों में सक्रिय कई गैंगस्टरों के खिलाफ 2 FIR दर्ज की थी। इसमें विदेश में बैठकर भारत में गिरोह चलाने, आतंकवादी हमलों और अपराधों के लिए धन जुटाने, युवाओं को भर्ती करने की साजिश का अरोप लगाया था।
इन अपराधों में खौफ पैदा करने के लिए टारगेट किलिंग का भी जिक्र था। जिन कैदियों को अंडमान भेजा जा सकते हैं, उनमें बिश्नोई का नाम भी है।