देश के 3 राज्यों की 15 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव आज, समझें समीकरण
राज्यसभा की खाली सीटों के लिए आज चुनाव होने हैं। यह चुनाव 15 राज्यों की 56 सीटों पर होने थे, लेकिन 12 राज्यों की 41 सीटों पर राज्यसभा सांसद निर्विरोध चुने जा चुके हैं। अब केवल 3 राज्यों की 15 सीटों पर आज मतदान होने हैं। इनमें उत्तर प्रदेश की 10, कर्नाटक की 4 और हिमाचल प्रदेश 1 सीट शामिल है। आइए जानते हैं इन राज्यों में जीत के लिए क्या हैं समीकरण।
हिमाचल प्रदेश में क्या है समीकरण?
हिमाचल प्रदेश मे कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा ने हर्ष महाजन को मैदान में उतारा है। यहां जीत के लिए 35 प्रथमित वोटों की आवश्यकता है। कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं और सरकार को 3 निर्दलियों का भी समर्थन होने से संख्याबल में कांग्रेस आगे हैं और सिंघवी की जीत तय मानी जा रही है। वहीं भाजपा के पास 25 विधायक हैं और वह भी अपने उम्मीदवार के जीत का दावा कर रही।
उत्तर प्रदेश में कौन है मैदान में?
SP ने जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने आरपीएन सिंह, चौधरी तेजवीर सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, सुधांशु त्रिवेदी, साधना सिंह, नवीन जैन और संजय सेठ को उम्मीदवार बनाया है।
उत्तर प्रदेश में फंसा एक सीट पर पेंच
उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए पहले 10 उम्मीदवार ही मैदान में थे, जिनमें से समाजवादी पार्टी (SP) के 3 और भाजपा के 7 उम्मीदवार थे। हालांकि, भाजपा ने 8वां उम्मीदवार मैदान में उतारकर एक सीट पर पेंच फंसा दिया है, जिससे SP को अपने एक उम्मीदवार को जिताने में मुश्किलें आ सकती हैं। उत्तर प्रदेश की 403 में 4 सीटें खाली होने से कुल 399 विधायक ही इस बार वोटिंग में हिस्सा ले सकते हैं।
जीतने के लिए उत्तर प्रदेश में पार्टियों के नंबर क्या हैं?
उत्तर प्रदेश में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 प्राथमिक वोटों की आवश्यकता है। SP के पास 108 विधायक हैं जिससे उसके 2 उम्मीदवारों की जीत तय है। हालांकि, कांग्रेस के 2 विधायक भी उसका समर्थन कर सकते हैं, लेकिन बागी विधायक खेल बिगाड़ सकते हैं। वहीं भाजपा के पास 7 सदस्यों को जिताने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं हैं, लेकिन उसने दावा किया है कि SP के 10 विधायक उसके संपर्क में हैं।
कर्नाटक में क्या समीकरण हैं?
कर्नाटक में कांग्रेस के 3 और भाजपा के एक सदस्य का कार्यकाल पूरा हो रहा है। यहां 4 सीटों के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में हैं। 224 विधानसभा सदस्यों में से 135 कांग्रेस, भाजपा के 66 और जनता दल सेक्युलर (JDS) के 16 विधायक हैं। यहां एक उम्मीदवार को जीत के लिए 45 प्राथमिक वोट की जरूरत होगी। यहां कांग्रेस के 3 उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है।
कर्नाटक में क्रॉस वोटिंग से बिगड़ सकता है कांग्रेस का खेल
आंकड़े देखें तो भाजपा-JDS गठबंधन को अपने दोनों उम्मीदवारों की जीत के लिए 5 अतिरिक्त वोटों की आवश्यकता है। ऐसे में क्रॉस वोटिंग की आशंकाएं बढ़ गई हैं। इससे बचने के लिए कांग्रेस के अपने सभी विधायकों को एक होटल में रखा है।
कैसे तय होते हैं उम्मीदवारों के जीत के नंबर?
इस चुनाव में केवल राज्य विधानसभा के सदस्य ही वोट डालते हैं। राज्यों में जितनी सीटें खाली हैं उसमें 1 जोड़कर उसे कुल विधानसभा सीटों से भाग दिया जाता है। फिर इसमें एक जोड़ दिया जाएगा। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों में 1 जोड़ने पर 11 संख्या आएगी। इसे 399 से भाग देने पर 36.272 संख्या आई, जिसमें 1 जोड़ देने से 37 संख्या आई और यही 1 उम्मीदवार की जीत का आंकड़ा है।