संसद में रक्षा मंत्री बोले- LAC पर चीन ने जमा किया गोला-बारूद, हमारी सेना भी तैयार
भारत-चीन सीमा विवाद पर आज लोकसभा में बयान देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अप्रैल और मई में चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई जगहों पर अतिक्रमण किया और अभी उसने कई जगहों पर भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार जमा कर रखे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने भी चीन को जबाव देने के लिए तैनाती की है और वे चीन की हर कार्रवाई का मुंहतोड़ जबाव देने के लिए तैयार है।
सैनिकों के साहस, शौर्य और पराक्रम को महसूस किया- राजनाथ सिंह
अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए राजनाथ ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा कर हमारे जवानों से मुलाकात की। उन्होंने यह संदेश भी दिया था कि वह हमारे वीर जवानों के साथ खड़े हैं। मैंने भी लद्दाख जाकर अपने सैनिकों के साथ समय बिताया था।" उन्होंने कहा कि वह सदन को बताना चाहते हैं कि उन्होंने अपने लद्दाख दौरे के समय सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को महसूस भी किया था।
"भारत-चीन सीमा विवाद अभी तक अनसुलझा"
मौजूदा स्थिति से पहले चीन के साथ सीमा विवाद का सार बताते हुए राजनाथ ने कहा, "भारत और चीन की सीमा का प्रश्न अभी तक अनसुलझा है। सीमा की प्रथागत और पारंपरिक स्थिति को चीन नही मानता है। हम मानते हैं कि संरेक्षण अच्छी तरह से स्थापित भौगोलिक सिद्धांतो पर आधारित है... दोनों देश 1950-59 के दशक में इस पर बात कर रहे थे लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया।"
राजनाथ ने बताया चीन ने कहां-कहां किया भारतीय जमीन पर कब्जा
राजनाथ ने कहा कि चीन ने लद्दाख में भारत की लगभग 3,800 वर्ग किलोमीटर जमीन पर अनधिकृत कब्जा कर रखा है और 1963 में एक तथाकथित सीमा समझौते के तहत पाकिस्तान ने भी PoK की 5,180 वर्ग किलोमीटर जगह अवैध रूप से चीन को सौंप दी। उन्होंने कहा, "चीन अरूणाचल प्रदेश की सीमा से लगे 90,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र को भी अपना बताता है...दोनों देशों ने यह माना है कि सीमा का प्रश्न एक जटिल मुद्दा है।"
सीमा विवाद सुलझाने के लिए आगे नहीं बढ़ा चीन- राजनाथ
राजनाथ ने कहा कि LAC को लेकर दोनों देशों की अलग-अलग व्याख्या है और इसलिए शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में सहमति बनाने की कोशिश की गई, लेकिन चीन आगे नहीं बढ़ा।
राजनाथ बोले- चीन ने बढ़ाए सैनिक और हथियार
मौजूदा स्थिति के बारे में बताते हुए राजनाथ ने कहा, "अप्रैल माह से पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीनी सेनाओं की संख्या और हथियारों में वृद्धि देखी गई है। मई के प्रारंभ में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी सेना की सामान्य पेट्रोलिंग में बाधा उत्पन्न की जिसके कारण तनाव की स्थिति आई... मई में चीन द्वारा पश्चिमी इलाके में कई जगहों पर अतिक्रमण करने की कोशिश की गई। इसमें कोंणकाला, गोंगरा और पैंगोंग झील शामिल है।"
हमें मंजूर नहीं यथास्थिति बदलने की कोशिश- राजनाथ
राजनाथ ने कहा, "हमने कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों के जरिए चीन को सूचित कर दिया कि इस तरह की गतिविधियां यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास हैं और ये भी साफ कर दिया गया कि ये प्रयास हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं हैं।" उन्होंने कहा, "15 जून को चीन द्वारा गलवान में हिंसक झड़प की स्थिति पैदा की गई। हमारे बहादुर सेना के जवानों ने अपनी जान का बलिदन दिया और चीन कोे भी भारी क्षति पहुंचाई।"
बातचीत में भारत ने अपनाए तीन सिद्धांत- राजनाथ
राजनाथ ने कहा कि भारत बातचीत के जरिए विवाद का समाधान चाहता है और बातचीत में उसने तीन सिद्धातों का पालन किया है। उन्होंने कहा, "पहला दोनों पक्षों को LAC का सम्मान और कड़ाई से पालन करना चाहिए। दूसरा किसी भी पक्ष को अपनी तरफ से यथास्थिति बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए। तीसरा दोनों पक्षों को सभी समझौतों का पालन करना चाहिए। चीन भी समझौतों के जरिए शांति औऱ सद्भाव सुनिश्चित करने के पक्ष में है।"
पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीन ने की यथास्थिति बदलने की कोशिश- राजनाथ
राजनाथ ने आगे कहा, "बातचीत चल ही रही थी कि 29-30 अगस्त की रात चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भड़काऊ कार्रवाई कर यथास्थिति बदलने की कोशिश की जिसे हमारे सैनिकों ने नाकाम कर दिया।" उन्होंने कहा कि चीन का ये व्यवहार समझौतों के प्रति उसका असम्मान दर्शाता है और उसके हिंसक कार्रवाई सभी सहमतियों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना इन सभी समझौतों का पालन करती है।
"भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध"
राजनाथ ने कहा, "मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीमाएं सुरक्षित हैं और हमारे जवान मातृभूमि की रक्षा में डटे हुए हैं। सशस्त्र सेना और ITBP की तेजी से तैनाती की गई है... सीमा के इलाकों में अब सैनिक ज्यादा अलर्ट रह सकते हैं और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई कर सकते हैं... हमने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हम भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।"
LAC पर किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार- राजनाथ
अपने भाषण के अंत में राजनाथ ने कहा, "हम LAC पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं... हमारे जवानों का जोश और हौसला बुलंद है और दुर्गम ऊंचाइयों पर उनके उत्साह में कोई कमी नहीं आती है।" संसद से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि लद्दाख में देश एक चुनौती के दौर से गुजर रहा है और संसद को प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि पूरा सदन जवानों के साथ खड़ा है।