अब सैनिक स्कूलों में पढ़ सकेंगी लड़कियां, रक्षा मंत्री ने दी मंजूरी
सैनिक स्कूल में पढ़ने की इच्छा रखने वाली छात्राओं के लिए एक खुशखबरी है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिक स्कूलों में 2021 शैक्षणिक सत्र से छात्राओं को प्रवेश लेने की मंजूरी दे दी है। जी हां, अब छात्राएं भी सैनिक स्कूलों में पढ़ाई करने के अपने सपने को पूरा कर सकती हैं। शैक्षणिक वर्ष 2021 से लड़कियों को चरणबद्ध तरीके से सैनिक स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। आइए जानें क्या है पूरी खबर।
पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर लिया गया ये फैसला
रक्षा मंत्रालय द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद दी गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रक्षा मंत्रालय द्वारा दो साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल चिंगचिप में छात्राओं को प्रवेश देकर एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई थी। उसकी सफलता के बाद ही यह निर्णय लिया गया है। राजनाथ सिंह ने संबंधित अधिकारियों को सैनिक स्कूलों में उपलब्धता, बुनियादी ढांचा और पर्याप्त महिला स्टाफ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
इसलिए लिया गया ये फैसला
यह निर्णय लैंगिक समानता, महिलाओं के सशक्तिकरण, सशस्त्र बलों में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सक्षम बनाने के लिए लिया गया है। इसके साथ ही इस फैसले से प्रधानमेत्री मोदी के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के अभीयान को और भी मजबूती मिलेगी।
सैनिक स्कूलों का ये है उद्देश्य
केंद्र सरकार ने 1961 में महाराष्ट्र के सतारा में पहला सैनिक स्कूल स्थापित किया था। पब्लिक रेसिडेंटल इंस्टीट्यूट का प्राथमिक उद्देश्य अधिकांश 6वीं से 12वीं तक के लड़कों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश के लिए अकादमिक, शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना है। रक्षा मंत्रालय के तहत सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा संचालित 28 सैनिक स्कूल हैं। इसके साथ ही राज्य प्रशासन के तहत लखनऊ में एक सैनिक स्कूल है।