BSF का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची पंजाब सरकार
पंजाब सरकार ने केंद्र द्वारा सीमा सुरक्षा बल (BSF) का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। पंजाब ने केंद्र के इस फैसले को संघवाद के सिद्धांतों के खिलाफ करार दिया है। पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने बताया कि उन्होंने अनुच्छेद 131 के तहत याचिका दायर की है। इस पर रजिस्ट्रार ने अटॉर्नी जनरल के जरिये केंद्र सरकार से 28 दिनों में जवाब मांगा है। इसके बाद यह मामला बेंच के पास जाएगा।
क्या है मामला?
गृह मंत्रालय ने अक्टूबर में पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में सीमा सुरक्षा बल का क्षेत्राधिकार बढ़ा दिया था, जिसके बाद BSF अधिकारी इन राज्यों में देश की सीमा से लगते 50 किलोमीटर तक के इलाकों में तलाशी, गिरफ्तारी और जब्ती कर सकेंगे। यानी 50 किलोमीटर के दायरे में अब BSF के अधिकार पुलिस के लगभग बराबर हो जाएंगे। इससे पहले BSF को सीमा से लगते 15 किलोमीटर के दायरे में ऐसे अधिकार दिए गए थे।
पंजाब की याचिका में क्या कहा गया है?
पंजाब की याचिका में कहा गया है कि अक्टूबर में केंद्र की तरफ से जारी की गई अधिसूचना पंजाब के अधिकारों पर अतिक्रमण है क्योंकि पंजाब के 80 प्रतिशत से अधिक सीमाई जिले, सभी बड़े शहर और लगभग सभी जिला मुख्यालय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं। आगे कहा गया है कि केंद्र को राज्यों की कानून व्यवस्था से जुड़े कानून बनाने का अधिकार नहीं है और उसने संघवाद के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है।
केंद्र ने बिना सलाह के लिया फैसला- पंजाब
पंजाब ने कहा है कि केंद्र ने राज्यों की सलाह लिए बिना यह कदम उठाया है और ऐसे एकतरफा कदम संविधान के अनुच्छेदों का उल्लंघन है। राज्य सरकार ने याचिका में कहा कि बाकी राज्यों में बढ़ा हुआ क्षेत्राधिकार अधिकतर ऐसी जगहों पर लागू हुआ है, जहां बहुत कम आबादी है, जबकि पंजाब में इस दायरे में आबादी का एक बड़ा हिस्सा आ जाता है। गुजरात में इसके हिस्से में कच्छ और राजस्थान में अधिकतर रेगिस्तान आता है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने पारित किया प्रस्ताव
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने भी बीते महीने केंद्र सरकार के इस कदम के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। इस दौरान पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, "हम मांग करते हैं कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए, क्योंकि BSF के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाना देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला है।" जानकारी के लिए बता दें कि पश्चिम बंगाल के 10 जिले अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े हुए हैं।
संविधान के अनुच्छेद 131 में क्या कहा गया है?
संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट को भारत के संघीय ढांचे की अलग-अलग इकाइयों के बीच विवाद पर आरंभिक अधिकारिता की शक्ति मिलती है। यानी जब केंद्र या एक से अधिक राज्यों के बीच, दो या अधिक राज्यों के बीच, राज्यों और केंद्र के बीच कोई विवाद होता है तो सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 131 के तहत मामले को सुनता है। केवल सुप्रीम कोर्ट को यह शक्ति है और कोई हाई कोर्ट इस तरह के मामले नहीं सुन सकता।