चुनाव नहीं लड़ पाएंगे पूर्व BSF जवान तेज बहादुर, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीमा सुरक्षा बल (BSF) जवान तेज बहादुर यादव की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने उनका नामांकन रद्द करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी।
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि उन्हें मामले में दखल देने का कोई आधार नहीं मिला।
इसी के साथ तय हो गया है कि अब तेज बहादुर वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
ट्विटर पोस्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दलील में दम नहीं
Supreme Court dismisses plea of former BSF constable SP candidate Tej Bahadur Yadav (in file pic)against rejection of his nomination from Varanasi LS constituency. A Bench headed by CJI Gogoi dismissing the plea said, “We don’t find any merit to entertain this petition” pic.twitter.com/SjusLxv5ZC
— ANI (@ANI) May 9, 2019
सुनवाई
प्रशांत भूषण ने रखा तेज बहादुर का पक्ष
तेज बहादुर की तरफ से दलील रखते हुए वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो चुनाव को चुनौती नहीं दे रहे हैं, बल्कि कह रहे हैं कि तेज बहादुर को 19 मई को चुनाव लड़ने दिया जाए क्योंकि उनका नामांकन गलत तरीके से रद्द हुआ है।
इससे पहले कल बुधवार को कोर्ट ने चुनाव आयोग को तेज बहादुर की शिकायत के हर बिंदू पर गौर करने और गुरुवार तक अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
चुनाव आयोग ने 1 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से ताल ठोकने वाले तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया था।
समय पर जरूरी दस्तावेज जमा न करने को नामांकन रद्द होने का कारण बताया गया था।
वहीं, तेज बहादुर का कहना है कि उन्होंने सही समय पर सही दस्तावेज जमा किए थे और उनका नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है।
उन्होंने नामांकन रद्द होेते ही सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला कर लिया था।
कहां फंसा पेंच?
तेज बहादुर के दोनों नामांकन में था अंतर
दरअसल, तेज बहादुर ने पहले 24 अप्रैल को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 24 अप्रैल को अपना पहला नामांकन दाखिल किया था।
इसमें उन्होंने खुद को BSF से निकाले जाने की जानकारी दी थी।
इसके बाद समाजवादी पार्टी ने वाराणसी से अपनी उम्मीदवार शालिनी यादव का टिकट काटते हुए यादव को टिकट दे दिया तो उन्होंने 29 अप्रैल को दोबारा नामांकन दाखिल किया, लेकिन इस बार BSF से निकाले जाने की जानकारी नहीं दी।
जवाब
आयोग ने मांगा था जवाब और जरूरी दस्तावेज
चुनाव आयोग ने दोनों नामांकन में अंतर होने पर यादव से स्पष्टीकरण मांगा था।
उन्हें BSF की तरफ से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) जमा करने को भी कहा गया था, जिसमें उन्हें सेवाओं से निकाले जाने का कारण बताना था।
इसके बाद यह कहते हुए नामांकन को रद्द कर दिया गया कि उन्होंने सुबह 11 बजे से पहले जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए।
तेज बहादुर ने 6 मई को सुप्रीर्ट में चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी।