तेज बहादुर नामांकन मामला: SC का चुनाव आयोग को कल तक जवाब दाखिल करने का आदेश
पूर्व सीमा सुरक्षा बल (BSF) जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग को शिकायत के हर बिंदू पर गौर करने और कल तक अपना जवाब दाखिल करने का आदेश जारी किया है। इससे पहले तेज बहादुर ने वाराणसी से अपना नामांकन रद्द होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की अगली सुनवाई कल यानि गुरुवार को होगी।
इस कारण रद्द हुआ था नामांकन
चुनाव आयोग ने 1 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से ताल ठोकने वाले तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया था। समय पर जरूरी दस्तावेज जमा न करने को नामांकन रद्द होने का कारण बताया गया था। वहीं, तेज बहादुर का कहना है कि उन्होंने सही समय पर सही दस्तावेज जमा किए थे और उनका नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है। उन्होंने नामांकन रद्द होेते ही सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला कर लिया था।
तेज बहादुर ने दाखिल किए थे दो नामांकन
दरअसल, तेज बहादुर ने पहले 24 अप्रैल को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 24 अप्रैल को अपना पहला नामांकन दाखिल किया था। इसमें उन्होंने खुद को BSF से निकाले जाने की जानकारी दी थी। इसके बाद सपा ने वाराणसी से अपनी उम्मीदवार शालिनी यादव का टिकट काटते हुए यादव को टिकट दे दिया तो उन्होंने 29 अप्रैल को दोबारा नामांकन दाखिल किया, लेकिन इस बार BSF से निकाले जाने की जानकारी नहीं दी।
दोनों नामांकन में अंतर होने पर आयोग ने मांगा था जवाब
चुनाव आयोग ने दोनों नामांकन में अंतर होने पर यादव से स्पष्टीकरण मांगा था। इसके अलावा उन्हें BSF की तरफ से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) जमा करने को भी कहा गया था, जिसमें उन्हें सेवाओं से निकाले जाने का कारण भी बताना था।
जिलाधिकारी ने कहा- समय पर जमा नहीं हुए दस्तावेज
NOC समय पर न मिलने पर आयोग ने तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया। वाराणसी के जिलाधिकारी ने कहा, "एक व्यक्ति जिसे पिछले 5 साल के अंदर राज्य या केंद्र सरकार की सेवाओं से निकाला गया हो, उसे चुनाव आयोग से एक प्रमाणपत्र हासिल करना होता है, जिसमें लिखा होता है कि उसे निष्ठाहीनता या भ्रष्टाचार के कारण नहीं निकाला गया था। प्रमाणपत्र सुबह 11 बजे से पहले जमा नहीं हुआ, इसलिए नामांकन को रद्द कर दिया गया।"
प्रशांत भूषण ने की तेज बहादुर की पैरवी
नामांकन रद्द करने पर तेज बहादुर ने कहा था कि उन्होंने सभी दस्तावेज समय पर जमा कर दिए थे और उनके नामांकन को गलत तरीके से रद्द किया गया है। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की। उनका पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने आयोग के व्यवहार को भेदभावपूर्ण और असंगत बताते हुए नामांकन को रद्द करने के आदेश को अमान्य करार देने की बात कही।
इस कारण BSF से निकाले गए थे तेज बहादुर
पूर्व BSF जवान तेज बहादुर ने अपनी नौकरी के दौरान सोशल मीडिया पर कई वीडियो अपलोड किए थे, जिनमें उन्होंने सैनिकों को मिलने वाले खराब खाने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने वीडियो में दिखाया था कि जवानों को पानी वाली दाल और जली हुई रोटियां खिलायी जाती हैं। वीडियो वायरल होने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर रिपोर्ट तलब की थी। इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें BSF से बाहर निकाल दिया गया था।