अब गर्भवती महिलाएं भी लगवा सकेंगी कोरोना वैक्सीन, जानिए क्या हैं गाइडलाइंस
भारत में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ चल रहे वैक्सीनेशन अभियान के बीच शुक्रवार को केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय किया है। सरकार ने अब गर्भवती महिलाओं को भी वैक्सीन लगवाने की अनुमति दे दी है। ऐसे में गर्भवती महिलाएं कोविन (CoWIN) वेबसाइट पर पंजीयन कराकर या फिर नजदीकी वैक्सीनेशन केंद्र पर जाकर वैक्सीन लगवा सकेगी। केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन पर गठित नेशनल टेक्निकल अडवाइजरी ग्रुप (NTAGI) की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।
असमंजस के चलते नहीं लगाई जा रही थी गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन
बता दें कि कुछ विशेषज्ञों द्वारा गर्भवती महिलाओं में वैक्सीनेशन के बाद दुष्प्रभाव की संभावना जताने के बाद सरकार ने उनके वैक्सीन नहीं लगाने का निर्णय किया था। पिछले महीने सरकार ने स्तनपान कराने वाली महिलाओं को तो वैक्सीन लगवाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसकी अनुमति नहीं दी गई थी। सरकार का कहना था कि गर्भवती महिलाओं पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर फिलहाल पर्याप्ता डाटा उपलब्ध नहीं है।
एक अध्ययन में सामने आई थी गर्भवती महिलाओं पर संक्रमण के दुष्प्रभाव की बात
बता दें गत दिनों एक अध्ययन में सामने आया था कि कोरोना संक्रमण से गर्भवती महलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो रहा था और उनमें कई गम्भीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा था। इसी तरह भ्रूण पर भी प्रभाव होने की संभावना थी। अध्ययन में यह भी कहा गया था कि सामान्य महिलाओं की तुलना में गर्भवती महिलाओं में गम्भीर संक्रमण का खतरा है। इसके बाद सरकार ने NTAGI को मामले पर अध्ययन कर सिफारिश करने को कहा था।
NTAGI ने की थी गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने की सिफारिश
बता दें कि NTAGI ने पिछले सप्ताह सरकार से गर्भवती महिलाओं पर वैक्सीन को सुरक्षित बताते हुए उन्हें भी वैक्सीन लगाने की सिफारिश की थी। NTAGI ने कहा था कि गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के किसी भी चरण में पर वैक्सीन लगवाने की पात्र है। वैक्सीन उनके लिए उपयोगी है और उन्हें आवश्यक रूप से लगाई जानी चाहिए। इसके बाद सरकार ने सिफारिश पर विचार करने और विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद वैक्सीन लगाने की अनुमति दे दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 29 जून को जारी की थी गाइडलाइंस
NTAGI की सिफारिश को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 29 जून को गर्भवती महिलाओं में वैक्सीनेशन को लेकर गाइडलाइंस जारी की थी। उसमें कहा गया था कि कुछ मामलों में कोरोना संक्रमण के कारण गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट हो सकती है और उनका भ्रूण भी अधिक प्रभावित हो सकता है। ऐसे में भ्रूण को संक्रमण के प्रभाव से बचाने के लिए गर्भवती महिलाओं को भी जल्द ही वैक्सीन लगवानी चाहिए।
गाइडलाइंस में यह भी दी गई थी जानकारी
गाइडलाइंस के अनुसार कोरोना लक्षण वाली गर्भवती महिलाओं के गंभीर रूप से बीमार होने और मौत का खतरा बढ़ जाता है। उन्हें भी अन्य मरीजों की तरह अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होती है। इसी तरह कुछ मामलों में गर्भावस्था में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण समय से पहले प्रसव होने के खतरे को भी बताया था। इतना ही नही समय से पहले जन्में बच्चों का वजन कम होने या मौत होने की भी बात कही थी।
गाइडलाइंस में वैक्सीनेशन के दुष्परिणामों को लेकर कही गई थी यह बात
गाइडलाइंस में कहा गया था कि किसी भी दवा की तरह कोरोना वैक्सीन के भी दुष्परिणाम हो सकते हैं। हालांकि, ये सामान्य से बहुत हल्के होते हैं। वैक्सीन लगने के बाद किसी भी गर्भवती महिला को हल्का बुखार, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द या एक से तीन दिनों तक अस्वस्थ महसूस हो सकता है। इसी तरह वैक्सीन का भ्रूण और नवजात बच्चे पर लंबी अवधि के दुष्परिणामों के बारे में अभी कोई भी अध्ययन सामने नहीं आया है।