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प्रयागराज महाकुंभ कल से: शाही स्नान, आने-जाने के इंतजाम और सुरक्षा से जुड़ी सारी बातें जानिए 
प्रयागराज महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा है

प्रयागराज महाकुंभ कल से: शाही स्नान, आने-जाने के इंतजाम और सुरक्षा से जुड़ी सारी बातें जानिए 

लेखन आबिद खान
Jan 12, 2025
03:19 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ कल यानी 13 जनवरी से शुरू हो रहा है, जो 26 फरवरी तक चलेगा। अनुमान है कि इस दौरान 40 करोड़ लोग प्रयागराज आएंगे। 2019 में जब अर्द्धकुंभ हुआ था, तब करीब 24 करोड़ लोग आए थे। लोगों की संख्या को देखते हुए ठहरने से लेकर सुरक्षा तक के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र को अलग-अलग जोन में बांटा गया है। आइए आज कुंभ मेले से जुड़ी जरूरी बातें जानते हैं।

महाकुंभ

क्या होता है महाकुंभ?

माना जाता है कि कुंभ की शुरुआत सतयुग से हुई थी। कुंभ मेले की जड़ें हिंदू पौराणिक कथाओं में खासतौर से ऋग्वेद में पाई जाती हैं। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदे 4 जगहों पर गिरी थीं। इनमें प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार शामिल है। इन चारों जगहों पर हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि कुंभ स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

शाही स्नान

कब-कब होगा शाही स्नान?

कुंभ के दौरान विशेष तिथियों पर होने वाले स्नान को शाही स्नान कहा जाता है। इस कुंभ में 3 शाही स्नान होंगे। पहला शाही स्नान मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को, दूसरा मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को और तीसरा बसंत पंचमी के दिन 3 फरवरी को होगा। इसके अलावा 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन भी कुंभ स्नान किया जाएगा।

सुरक्षा 

2,700 कैमरे और कमाडों करेंगे सुरक्षा

पुलिस ने कुंभ में आने-जाने वाले 7 मार्गों पर 102 चौकियां बनाई हैं, जो हर वाहन और व्यक्ति की जांच करेगी। 40,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी 24 घंटे तैनात रहेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से लैस 2,700 से ज्यादा कैमरे और ड्रोन भी मेला परिसर पर निगरानी रखेंगे। इसके अलावा अंडर वाटर ड्रोन, 5 वज्र वाहन, 4 एंटी सबोटाज टीम, सायबर सुरक्षा टीम और अत्याधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।

टेंट सिटी 

कुंभ के लिए बसाई गई टेंट सिटी

कुंभ के लिए प्रयागराज में संगम की रेत पर नई टेंट सिटी बसाई गई है। इसमें एक लाख से ज्यादा टेंट हैं, जिनमें सामान्य से लेकर लग्जरी टेंट शामिल हैं। यहां करीब 10 लाख से ज्यादा लोग रुक सकेंगे। 800 हेक्टेयर से ज्यादा इलाके में फैली इस टेंट सिटी में बेडरूम, वेटिंग हॉल, आधुनिक टॉयलेट, संगमरमर की फर्श, फर्नीचर, ड्रॉइंग रूम, टीवी, हीटर, इंटरकॉम, वाई-फाई, सोफा, फ्रिज समेत तमाम आधुनिक सुविधाएं हैं।

आवाजाही

आने-जाने के क्या हैं इंतजाम?

तीर्थयात्रियों को लाने-ले जाने के लिए 3,000 से ज्यादा विशेष ट्रेनें चलेंगी, जो 13,000 फेरे लगाएंगी। मुख्य रेलवे स्टेशन प्रयागराज के अलावा 8 छोटे स्टेशन से भी ट्रेन संचालित होंगी। सभी स्टेशनों पर आने और जाने का रास्ता अलग-अलग होगा। बस और वाहन से आने वाले श्रद्धालु 7 रास्तों से प्रयागराज में दाखिल हो सकते हैं। बसों को 10 किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाएगा। यहां से लाने ले जाने के लिए शटल बसें चलेंगी।

किराया

कितना है एक रात ठहरने का किराया? 

प्रबंधन के लिए मेला क्षेत्र को 10 जोन और 25 सेक्टर में बांटा है। हर सेक्टर को गूगल मैप के साथ एकीकृत भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) का उपयोग कर लिंक किया गया है। प्रशासन ने पूरे जिले में कुल छोटी और बड़ी 102 पार्किंग बनाई हैं। ठहरने के लिए टेंट सिटी में एक दिन के 3,000 से लेकर सवा लाख तक के किराए पर कमरे हैं। इसके अलावा सैकड़ों आश्रयस्थल, धर्मशालाएं और होटलें भी हैं।