कुंभ 2019: निरंजनी अखाड़े के साधु हैं सबसे ज़्यादा पढ़े-लिखे, IIT-IIM में दे चुके हैं लेक्चर
क्या है खबर?
अक्सर लोगों का यह मानना होता है कि मठ-मंदिरों में रहने वाले साधु-संत ज्ञानी तो होते हैं, लेकिन ज़्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते हैं।
अगर किसी साधु-संत ने पढ़ाई भी की है तो उसे हिंदी और संस्कृत का ज्ञान होगा, जबकि वो अंग्रेज़ी बिलकुल भी नहीं जानते होंगे।
अगर आपका भी ऐसा ही सोचना है तो आप गलत हैं। आज हम आपको निरंजनी अखाड़े के बारे में बताने जा रहे हैं, जहाँ के साधु-संत पूरे देश में सबसे ज़्यादा पढ़े-लिखे हैं।
साधु-संत
लगभग 70 प्रतिशत साधु-संतों ने प्राप्त की है उच्च शिक्षा
आपको जानकर हैरानी होगी कि निरंजनी अखाड़े के साधु जितनी अच्छी हिंदी और संस्कृत बोलते हैं, उतनी ही अच्छी ये अंग्रेज़ी भी बोलते हैं।
जानकारी के अनुसार इस अखाड़े की स्थापना आज से लगभग 1,114 साल पहले सन् 904 में विक्रम संवत 960 कार्तिक कृष्णपक्ष दिन सोमवार को गुजरात के मांडवी नामक जगह पर हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अखाड़े के कुल साधु-संतों में से लगभग 70 प्रतिशत साधु-संतों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की हुई है।
Phd
कैम्ब्रिज, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दे चुके हैं लेक्चर
यहाँ के ज़्यादातर साधु-संत डॉक्टर, प्रोफ़ेसर, लॉ विशेषज्ञ, संस्कृत के विद्वान और आचार्य हैं।
इस अखाड़े के एक संत स्वामी आनंदगिरी नेट क्वालिफ़ाइड हैं और देश-विदेश के कई कॉलेजों जैसे IIT खड़गपुर, IIM शिलांग, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और सिडनी यूनिवर्सिटी में लेक्चर भी दे चुके हैं।
कई बार आनंदगिरी गेस्ट लेक्चरर के तौर पर अहमदाबाद भी जाते रहते हैं। बता दें इस समय यह बनारस से PhD कर रहे हैं।
स्कूल-कॉलेज
छात्रों को पढ़ाने का भी काम करते हैं साधु-संत
अखाड़े के श्रीमहंत के अनुसार, निरंजनी अखाड़ा इस समय इलाहाबाद और हरिद्वार में पाँच स्कूल-कॉलेजों का संचालन कर रहा है।
इसके देख-रेख से लेकर अन्य सुविधाओं का ध्यान अखाड़े के साधु-संत ही रखते हैं। यहाँ तक कि छात्रों को पढ़ाने का काम भी अखाड़े के संत ही करते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार अखाड़े में 10 हज़ार से ज़्यादा नागा सन्यासी हैं, जबकि 33 महामंडलेश्वर हैं। अखाड़े में महंत और श्रीमहंतों की संख्या भी 1,000 से ज़्यादा है।
जानकारी
2019 में कुम्भ मेले का आयोजन प्रयागराज में किया जा रहा है
कुंभ मेला 2019 में 15 जनवरी से शुरू हो जाएगा जो 4 मार्च तक चलेगा। इस मेले में देशभर के अखाड़ों से साधु-संत एकत्रित होंगे। हर बार कुंभ मेले में साधु-संतों के अलावा आम नागरिक भी भारी संख्या में एकत्रित होते है।