#NewsBytesExplainer: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा क्यों है अहम, किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर हैं। वहां वे नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेताओं की ये पहली मुलाकात होगी।
टैरिफ और अवैध अप्रवासियों की वापसी के मुद्दे पर हालिया दिनों में दोनों देशों के रिश्ते इतने अच्छे नहीं रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री की यात्रा कई मायनों में जटिल और अहम होने वाली है।
आइए जानते हैं किन-किन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
टैरिफ
टैरिफ का मुद्दा सबसे अहम
माना जा रहा है कि यात्रा के दौरान टैरिफ का मुद्दा सबसे अहम रहेगा। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2023-24 में दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10 लाख करोड़ रुपये का था।
ट्रंप ने कई भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। ट्रंप ने चीन, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाया है। भारत संकेत दे चुका है कि वो कुछ सामानों पर टैरिफ कम कर सकता है।
एल्युमीनियम और स्टील
एल्युमीनियम और स्टील पर लगा 25 प्रतिशत टैरिफ
ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने कहा, "भारत में आयात शुल्क बहुत अधिक है, जिससे आयात पर रोक लगी हुई है। जब दोनों नेता मिलेंगे तो मोदी के पास ट्रंप के साथ चर्चा करने के लिए बहुत कुछ होगा।"
बता दें कि अमेरिका ने एल्युमीनियम और स्टील के आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है और इस मामले में भारत को भी छूट नहीं मिली है।
व्यापार समझौता
व्यापार समझौते पर दोबारा शुरू हो सकती है चर्चा
मुलाकात के दौरान व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से शुरू होने की संभावना है।
ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भारत-अमेरिका में एक व्यापार समझौते पर चर्चा हुई थी, लेकिन इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था।
इसके बाद जो बाइडन की सरकार में वार्ता पूरी तरह रुक गई। ग्लोबल इंडिया फेलो सृजन पालकर ने लिखा, "अगर ट्रंप और मोदी इस पर बातचीत को आगे बढ़ाते हैं तो यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम होगा।"
तकनीक
तकनीक से जुड़े मुद्दों पर होगी चर्चा
मोदी और ट्रंप के बीच तकनीक से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।
बाइडन प्रशासन के दौरान इस पर काफी काम हुआ था। दोनों देशों के बीच 2022 में इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमरजिंग टेक्नोलॉजिज (ICET) लागू हुआ था, जो दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की निगरानी में है।
BBC के मुताबिक, मोदी संभवतः अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ज से इसकी प्रतिबद्धता का आश्वासन चाहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी H-1B वीजा पर भी बात कर सकते हैं।
रक्षा
रक्षा को लेकर क्या बातचीत हो सकती है?
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भारत अमेरिका से 6 और उन्नत P-8I लंबी दूरी के समुद्री गश्ती और पनडुब्बी रोकने वाले विमानों की खरीद को फिर से शुरू करने में रुचि दिखा सकता है, जिसे 3 साल पहले रोक दिया गया था।
पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत में ट्रंप ने भारत से लड़ाकू विमान, ड्रोन और बख्तरबंद वाहनों सहित अमेरिकी सैन्य तकनीक हासिल करने का आह्वान किया था।
अवैध अप्रवासी
अवैध अप्रवासियों के निर्वासन का मुद्दा
अमेरिका ने हाल ही में 104 अवैध अप्रवासी भारतीयों को निर्वासित किया है। इन लोगों को हथकड़ी और बेड़ियां पहनाकर भेजा गया था, जिस पर खूब बवाल मचा था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सरकार अमेरिका से इस मुद्दे पर बात करेगी।
प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भारत द्वारा निर्वासन का मुद्दा उठाए जाने की संभावना है, जिसमें निर्वासित लोगों के साथ बेहतर व्यवहार की मांग की जा सकती है।