
#NewsBytesExplainer: प्रधानमंत्री मोदी के मंदिर दौरों का अयोध्या के राम मंदिर से क्या संबंध है?
क्या है खबर?
अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 2 दिन शेष बचे हैं। इस भव्य आयोजन के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान राम से जुड़े कई मंदिरों का आधिकारिक दौरा भी कर रहे हैं।
भले ही मोदी के ये दौरे विभिन्न विकास परियोजनाओं की घोषणा के बीच हुए हो, लेकिन उनके भाषणों में हमेशा भगवान राम का जिक्र होता है।
आइए जानते हैं कि मोदी का अयोध्या से पहले इन मंदिरों के दौरे करने की क्या वजह है।
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कालाराम मंदिर, महाराष्ट्र
12 जनवरी को प्रधानमंत्री ने नासिक में शहर के पंचवटी क्षेत्र में गोदावरी के तट पर स्थित कालाराम मंदिर का दौरा किया। पंचवटी मध्य भारत के एक घने जंगल दंडकारण्य से संबंधित है।
मान्यता है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण अपने 14 साल के वनवास के पहले कुछ सालों तक यहां रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां पहुंचकर लोगों से मंदिर में देशव्यापी स्वच्छता अभियान चलाने की अपील की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कालाराम मंदिर में पोछा लगाया था।
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वीरभद्र मंदिर, आंध्र प्रदेश
16 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी शहर में श्री सत्यसाईं के वीरभद्र मंदिर का दौरा किया था। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर जटायु ने रावण से माता सीता की रक्षा करने की कोशिश में अपना पंख खो दिया था।
इस मंदिर में रामायण काल का बेहतरीन चित्रण किया गया है। 2022 में मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की अस्थायी सूची में शामिल किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर में भजन-कीर्तन किया था।
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भगवान कृष्ण मंदिर और रामास्वामी मंदिर, केरल
17 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने राम मंदिर अनुष्ठानों के बीच केरल के त्रिशूर जिले के गुरुवयूर शहर में स्थित भगवान कृष्ण मंदिर और फिर त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर का दौरा किया था।
रामास्वामी मंदिर को दक्षिण की अयोध्या के रूप में जाना जाता है। यहां मोदी मुंडू (धोती) और वेष्टि (सफेद शॉल) पहने हुए नजर आए।
इसके बाद उन्होंने यहां वार्षिक 'नालाम्बलम यात्रा' को भी संबोधित किया, जो राम और उनके भाइयों की यात्रा का एक प्रतीक है।
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श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, तमिलनाडु
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को तमिलनाडु के दौरे पर हैं। उन्होंने सुबह करीब 11:00 बजे तिरुचिरापल्ली में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा अर्चना की और विद्वानों को कंबा रामायणम के छंदों का पाठ करते हुए सुना।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक वेशभूषा पहनी हुई थी। ये पौराणिक मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यहां भगवान विष्णु की पूजा श्री रंगनाथस्वामी के रूप में की जाती है।
इस मंदिर को भूलोक का वैकुंठ माना जाता है।
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श्री अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर, रामेश्वरम
प्रधानमंत्री मोदी ने दोपहर में रामेश्वरम पहुंचकर श्री अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की।
उन्होंने इस दौरान 'श्री रामायण पारायण' भजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में 8 अलग-अलग पारंपरिक मंडलियों ने संस्कृत, अवधी, कश्मीरी, गुरुमुखी, असमिया, बंगाली, मैथिली और गुजराती में रामकथाएं की।
मान्यता है भगवान राम और सीता ने इस मंदिर में मुख्य लिंगम की स्थापना की थी और यहां भगवान शिव को श्री रामनाथस्वामी के रूप में पूजा जाता है।
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कोठंडारामास्वामी मंदिर, धनुषकोडी
21 जनवरी को प्रधानमंत्री तमिलनाडु के धनुषकोडी में स्थित कोठंडारामास्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे।
इसके बाद वह अरिचल मुनाई का दौरा करेंगे, जिसके बारे में कहा जाता है कि इस स्थान से ही जहां राम सेतु का निर्माण हुआ था। इस मंदिर में भगवान राम को कोठंडाराम स्वामी के रूप में पूजा जाता है।
मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान राम से विभीषण पहली बार मिले थे और उन्होंने उनसे शरण में लेने का अनुरोध किया था।
यात्रा
क्यों प्रधानमंत्री मंदिरों का कर रहे हैं दौरा?
NDTV के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी के 12 जनवरी से शुरू मंदिर दौरों को 11 दिवसीय अनुष्ठान के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। वह 'यम नियम' का सख्ती से पालन कर रहे हैं।
मोदी के 11 दिनों के अनुष्ठानों में ध्यान, शारीरिक शुद्धि और सात्विक आहार भी शामिल है। उन्होंने मकर संक्रांति के अवसर पर अपने आवास पर गायों को भोजन भी करवाया था।
इसकी वजह है कि मोदी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हैं।