#NewsBytesExplainer: कैसे लिखा जाता है फिल्मों का स्क्रीनप्ले? जानिए महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
फिल्मों में रुचि रखने वालों ने अक्सर एक शब्द सुना होगा, 'स्क्रीनप्ले'। अधिकांश लोग फिल्म की कहानी को ही स्क्रीनप्ले समझते हैं।
स्क्रीनप्ले कहानी से अलग होता है, जिसमें हर दृश्य का विस्तार से विवरण होता है। इस विवरण के आधार पर ही किसी दृश्य की शूटिंग होती है।
अगर कोई लेखक नया आइडिया लेकर किसी निर्देशक से मिल रहा है, तो उसे पेशेवर स्क्रीनप्ले के साथ ही दिखाना होता है। आपको बताते हैं स्क्रीनप्ले की बारीकियों के बारे में।
स्क्रीनप्ले
क्या होता है स्क्रीनप्ले?
किसी भी दृश्य को विजुअल मोशन देने के लिए यानी कि उसे पर्दे पर उतारने के लिए उसके स्क्रीनप्ले की जरूरत होती है।
इसमें छोटे से छोटे दृश्य का भी पूरा विवरण होता है। वह दृश्य कहां है, उसमें कौन-कौन से किरदार दिखेंगे, उनके हावभाव और संवाद, बैकग्राउंड की आवाज आदि सबकुछ पहले लिख कर तैयार कर लिया जाता है।
इसके बाद इसकी शूटिंग होती है। मंझे हुए कलाकार कैमरे पर अपने हिसाब से इसमें बदलाव भी करते हैं।
सीन हेडिंग
सबसे पहले लिखेंगे सीन हेडिंग
किसी दृश्य के स्क्रीनप्ले का पहला भाग होता है, सीन हेडिंग।
सीन हेडिंग में संक्षिप्त में दृश्य की जगह, लोकेशन और समय लिखा जाता है।
इसमें भीतर के लिए 'Int' (इंटीरियर), बाहर के लिए 'Ext' (एक्सटीरियर) का जिक्र किया जाता है। इसके बाद इसमें दृश्य की जगह, जैसे पार्क, केबिन आदि लिखा जाता है।
हेडिंग में आगे सुबह, शाम या रात का भी जिक्र किया जाएगा।
एक हेडिंग दृश्य के सभी तत्वों को संक्षिप्ट में बता देता है।
एक्शन
एक्शन में लिखी जाएंगी दृश्य की गतिविधियां
हेडिंग के बाद अगला भाग होता है एक्शन, यानी कि उस दृश्य में होने वाली गतिविधियां। इसमें पर्दे पर क्या दिखेगा, उसका विवरण होता है।
दृश्य में कौन सा किरदार क्या गतिविधी कर रहा है, वहां कौन-कौन सी चीजें रखी हैं, इन सबका विवरण इस भाग में दिया जाता है। इसे हमेशा वर्तमान काल में लिखा जाता है।
जैसे- "इंस्पेक्टर केबिन में कुर्सी पर चाय पीते हुए अखबार पढ़ रहा है, तभी वहां सब इंस्पेक्टर पहुंच जाता है।"
किरदार और संवाद
किरदार के नाम के साथ लिखे जाते हैं उनके संवाद
एक्शन के बाद किरदार के नामों के साथ उनके संवाद लिखे जाते हैं। इन सवांदों के साथ अगर किरदार कोई गतिविधी कर रहा है, तो 'एक्शन' भी साथ में लिखा जाएगा।
इसमें किरदार के हावभाव भी लिखे जाते हैं। जैसे 'चौंकते हुए', 'गहरी सांस लेते हुए', 'हंसते हुए' आदि।
कलाकारों को स्क्रीनप्ले में लिखे विवरण के अनुसार ही कैमरे पर अभिनय करना होता है। कई बार वे मौके पर अपने हिसाब से बदलाव करते हैं, जिसे इंप्रोवाइजेशन कहते हैं।
सॉफ्टवेअर
पेशेवर स्क्रीनप्ले राइटिंग के लिए सॉफ्टवेअर
तकनीक के दौर में पेशेवर स्क्रीनप्ले लिखने लिए आधुनिक सॉफ्टवेअर भी मौजूद हैं।
इन सॉफ्टवेअर की मदद से स्क्रीन्प्ले के अलग-अलग हिस्सों को व्यवस्थित तरीके से लिखा जा सकता है।
'फाइनल ड्राफ्ट', 'मूवी मैजिक', 'सेल्टक्स', 'राइटर डुएट' जैसे सॉफ्टवेअर स्क्रीनप्ले राइटर के बीच प्रचलित हैं।
जानकारों के अनुसार अगर आप इनसे परिचित नहीं हैं, तो शुरुआत करने के लिए सेल्टक्स बेहतर सॉफ्टवेअर है, क्योंकि यह आसान होने के साथ ही मुफ्त में उपलब्ध है।
लोकप्रिय स्क्रीनराइटर
वर्तमान के लोकप्रिय स्क्रीनराइटर
बदलते दौर के साथ फिल्म लेखकों और स्क्रीनराइटर को भी पहचान मिलने लगी है। किसी अच्छी फिल्म को देखने के बाद समीक्षक उनका जिक्र करते हैं और दर्शक भी उनके बारे में सर्च करते हैं।
शरत कटारिया (दम लगाके हाइशा), जूही चतुर्वेदी (वीक्की डोनर, पीकू), राजशेखर (तुम्बाड, तनु वेड्स मनु), जैसे स्क्रीनराइटर अपनी अलग पहचान रखते हैं।
अक्सर फिल्मों के निर्देशक ही अपनी फिल्म में स्क्रीनप्ले लिखने का काम करते हैं।