योगी आदित्यनाथ को छोड़ किसी मुख्यमंत्री को नहीं भेजा गया राम मंदिर समारोह का निमंत्रण- रिपोर्ट
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाला राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सुर्खियों में छाया हुआ है। देशभर से कई खास लोगों को इसके लिए आमंत्रित किया गया है। अब खबर है कि इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को छोड़कर किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को न्योता नहीं भेजा गया है। NDTV के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रियों और अन्य शीर्ष राजनीतिक नेताओं को भी आमंत्रित नहीं किया गया है।
केवल योगी आदित्यनाथ को ही मिला निमंत्रण
पहले खबर थी कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी निमंत्रण पत्र मिला है और वे भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। हालांकि, अब NDTV ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि मुख्यमंत्रियों में केवल योगी आदित्यनाथ को ही निमंत्रण मिला है। वजह बताई जा रही है कि वे हिंदुत्व छवि वाले नेता हैं, एक योगी हैं और आयोजन वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं। आदित्यनाथ खुद महीनों से आयोजन की तैयारियों में जुटे हैं।
किन लोगों को मिला निमंत्रण?
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, समारोह में दलित प्रतीक के तौर पर बीआर अंबेडकर, जगजीवन राम और कांशीराम के परिवार के सदस्यों को बुलाया गया है। राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान मारे गए कारसेवकों के परिवार के सदस्यों को भी बुलाया गया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के 3 सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों, सेना, नौसेना और वायु सेना की तीनों सेवाओं के सेवानिवृत्त प्रमुखों, पूर्व राजदूतों, शीर्ष नौकरशाहों और 'प्रमुख पदों' पर रहे अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी समेत इन नेताओं को भी किया गया आमंत्रित
आयोजन के लिए जिन नेताओं को निमंत्रण मिला हैं, उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, लालकृष्ण आडवाणी, हिमाचल प्रदेश के मंत्री और कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह और मुरली मनोहर जोशी शामिल हैं। जोशी और आडवाणी के समारोह में शामिल नहीं होंगे। इसके अलावा संतों, विद्वानों, खेल जगत के प्रसिद्ध लोग, फिल्म और टीवी उद्योग के नामी लोगों को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि, 4 में से 2 शंकराचार्यों ने आयोजन में शामिल होने से इनकार किया है।
किस-किस ने ठुकराया न्योता?
कांग्रेस का कोई नेता समारोह में शामिल नहीं होगा और उन्होंने न्योता ठुकरा दिया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि यह कार्यक्रम भाजपा और संघ का है। कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी और समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव ने भी निमंत्रण ठुकरा दिया है। इसके अलावा राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी समारोह में शिरकत नहीं करेगी।