तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी, 65 घंटों में तीन देशों में करेंगे 25 बैठकें
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय यूरोप दौरे के लिए जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंच गए हैं। अपने इस दौरे में प्रधानमंत्री डेनमार्क और फ्रांस भी जाएंगे और इन सभी देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का प्रयास करेंगे।
उनका यह दौरा कुल 65 घंटे का होगा और इस दौरान वह कुल 25 बैठकें करेंगे।
यह इस साल प्रधानमंत्री मोदी का पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा है और इसमें यूक्रेन-रूस युद्ध सबसे अहम मुद्दा रहेगा।
कार्यक्रम
क्या है प्रधानमंत्री मोदी का पूरा कार्यक्रम?
अपने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के निमंत्रण पर जर्मनी पहुंचे हैं। दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर विस्तृत बातचीत होगी।
जर्मनी के बाद प्रधानमंत्री मोदी 3-4 मई को डेनमार्क पहुंचेंगे और वहां के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
अंत में भारत लौटते समय मोदी फ्रांस की राजधानी पेरिस में रुकेंगे और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे।
जर्मनी
जर्मनी में क्या-क्या करेंगे प्रधानमंत्री?
जर्मनी के अपने दौरे में प्रधानमंत्री मोदी चांसलर स्कोल्ज के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तृत बातचीत करेंगे। इसके अलावा दोनों नेता एक बिजनेस राउंडटेबल बैठक को भी संबोधित करेंगे।
मोदी ने कहा कि वह इस दौरे को जर्मनी की नई सरकार के साथ संबंध स्थापित करने के तौर पर देख रहे हैं जिससे मध्यम और लंबी प्राथमिकताओं को तय करने में मदद मिलेगी।
2021 में भारत और जर्मनी के कूटनीतिक संबंधों को 70 साल भी हो गए हैं।
जानकारी
डेनमार्क में क्या कार्यक्रम?
डेनमार्क में प्रधानमंत्री मोदी राजधानी कोपेनहेगन में प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे, जिसमें ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की समीक्षा भी की जाएगी। वह डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक सम्मेलन में हिस्सा भी लेंगे।
फ्रांस
फ्रांस में प्रधानमंत्री का क्या कार्यक्रम रहेगा?
फ्रांस की राजधानी पेरिस में प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे, जो हाल ही में दोबारा राष्ट्रपति चुने गए हैं। मैक्रों को दोबारा राष्ट्रपति बनने की बधाई देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री उनके साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।
ये पहले से ही मजबूत दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करेगा।
बता दें कि मैक्रों 24 अप्रैल को 52 प्रतिशत वोटों के साथ दोबारा राष्ट्रपति चुने गए हैं।
तनाव
यूक्रेन युद्ध के कारण बना हुआ है यूरोप में तनाव
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी यूरोप का ये दौरा ऐसे समय पर कर रहे हैं जब यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण पूरे यूरोप में तनाव बना हुआ है।
इस युद्ध को लेकर भारत और पश्चिमी देशों में भी तनाव है और पश्चिमी देशों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखने के लिए भारत की आलोचना की है।
इसके जवाब में भारत ने याद दिलाया है कि रूस से सबसे अधिक तेल और गैस यूरोप खरीदता है।