लगातार फैल रहा कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन, 30 से अधिक देशों में सामने आए मामले
यूनाइटेड किंगडम (UK) में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को फैलने से रोकने की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक 30 से अधिक देशों में इससे संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। यूरोप के अलावा इससे बाहर के देशों में भी नए स्ट्रेन के मामले सामने आ चुके हैं और भारत भी इससे अछूता नहीं है। अधिक जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर अन्य देशों में भी नए स्ट्रेन के मामले सामने आने की आशंका है।
वियतनाम भी पहुंचा नया स्ट्रेन
शनिवार को वियतनाम नए स्ट्रेन से संक्रमण का मामला पकड़ने वाला नया देश बना और यहां हाल ही में UK से लौटी और क्वारंटाइन में रह रही एक महिला को इस स्ट्रेन से संक्रमित पाया गया। वहीं इससे पहले शुक्रवार को तुर्की में UK से लौटे 15 यात्रियों को नए स्ट्रेन से संक्रमित पाया गया था और ये देश में नए स्ट्रेन के पहले मामले थे। तुर्की सरकार ने UK से आने-जाने पर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया है।
इन देशों में भी पहुंच चुका है नया स्ट्रेन
इससे पहले तमाम पाबंदियों के बावजूद कई यूरोपीय और बाहरी देशों में नए स्ट्रेन से संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। यूरोपीय देशों की बात करें तो अब तक फ्रांस, डेनमार्क, स्पेन, स्वीडन, नीदरलैंड्स, आयरलैंड, जर्मनी और इटली में नए स्ट्रेन के मामले पकड़ में आए हैं। वहीं यूरोप से बाहर के देशों में जापान, ऑस्ट्रेलिया, लेबनान, कनाडा, दक्षिण कोरिया, भारत और अमेरिका आदि में नए स्ट्रेन से संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।
भारत में 29 लोग पाए जा चुके हैं संक्रमित
भारत की बात करें तो अब तक 29 लोगों को नए स्ट्रेन से संक्रमित पाया जा चुका है और ये सभी UK से लौटे यात्री हैं। देश में सबसे पहले पहले मंगलवार को UK से लौटे छह यात्रियों में नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई थी। इसके बाद बुधवार को 14 अन्य यात्रियों और गुरुवार को पांच अन्य यात्रियों को भी नए स्ट्रेन से संक्रमित पाया गया। शनिवार को चार और मामलों के साथ कुल मामलों की संख्या 29 हो गई।
अमेरिका के तीन राज्यों में आए नए स्ट्रेन के मामले
अमेरिका की बात करें तो यहां अब तक कम से कम तीन राज्यों में नए स्ट्रेन से संक्रमण के मामले पकड़ में आ चुके हैं। विशेषज्ञों को आशंका है कि नया स्ट्रेन पकड़ में आने से पहले से ही अमेरिका में फैल रहा है।
सितंबर से ही UK में फैल रहा है नया स्ट्रेन
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पहली बार सितंबर में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में पाया गया था और UK की सरकार ने इसके 70 प्रतिशत संक्रामक होने का दावा किया है। अभी ये लंदन और UK के अन्य हिस्सों में बहुत तेजी से फैल रहा है और कुछ ही समय में यहां कोरोना वायरस का प्रमुख वेरिएंट बन गया है। इस स्ट्रेन के अधिक घातक होने के सबूत नहीं मिले हैं, हालांकि अभी इस दिशा में और शोध किए जा रहे हैं।
वैज्ञानिकों को उम्मीद- नए स्ट्रेन के खिलाफ काम करेंगी मौजूदा वैक्सीनें
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का ये नया वेरिएंट ऐसे समय पर सामने आया है जब दुनिया कोविड वैक्सीनों की मदद से जल्द से जल्द इस महामारी से मुक्ति पाने की उम्मीद पाले बैठी है। अमेरिका और UK समेत कई देशों में वैक्सीन का वितरण शुरू हो चुका है, वहीं भारत समेत अन्य कई देश जल्द ही वैक्सीनेशन शुरू कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने वैक्सीनों के नए स्ट्रेन पर भी प्रभावी होने की उम्मीद जताई है।