अगले महीने वायुसेना को मिलेंगे तीन और राफेल विमान, फ्रांस से बिना रुके पहुंचेंगे भारत
भारतीय वायुसेना की शक्ति में अगले महीने और इजाफा होने जा रहा है। तीन नए राफेल लड़ाकू विमान अगले महीने भारत पहुंच जाएंगे। इससे पहले राफेल विमानों के दो जत्थे भारत को मिल चुके हैं। भारत में फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया है। जनवरी में आने वाले तीन विमान इस सौदे के तहत भारत पहुंचने वाला तीसरा जत्था होगा। नवंबर की शुरुआत में तीन नए राफेल विमानों का दूसरा जत्था गुजरात के जामनगर पहुंचा था।
फ्रांस से बिना रास्ते में रुके जामनगर पहुंचेंगे विमान
हिंदुस्तान टाइम्स ने मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कम से कम तीन राफेल विमान अगले महीने भारत पहुंचेंगे। अभी तक इनकी तारीख निर्धारित नहीं हुई है। फ्रांस से उड़कर ये विमान बिना रुके गुजरात के जामनगर स्थित एयरबेस पर लैंड करेंगे। रास्ते में फ्रांस और भारतीय वायुसेना के विमानों से इसमें ईंधन भरा जाएगा। जामनगर से इन विमानों को अंबाला स्थित गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन में भेजा जाएगा।
जुलाई में आए थे पहले पांच विमान
भारत को दो जत्थों में अब तक कुल आठ राफेल विमान मिल चुके हैं। 29 जुलाई को पहले जत्थे में शामिल पांच विमान फ्रांस से अंबाला एयरबेस पर उतरे थे। इन्हें 10 सितंबर को औपचारिक रुप से वायुसेना में शामिल किया गया था। फ्रांस से उड़ान भरने के बाद पांचों विमान अल दाफरा एयरबेस पर रुके थे। वहीं तीन विमानों का दूसरा जत्था फ्रांस से उड़ने के बाद बिना रुके 4 नवंबर को गुजरात के जामनगर पहुंचा था।
राफेल विमानों की तैनाती के लिए अंबाला क्यों चुना गया?
अंबाला भौगोलिक और रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। यह उत्तर पश्चिम में नियंत्रण रेखा और उत्तर पूर्व में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगभग समान दूरी पर है। यहां पर पहले से ही जगुआर विमानों की दो स्क्वॉड्रन तैनात हैं। यहां से विमान उड़कर कम समय में चीन और पाकिस्तान की सीमा पर पहुंच सकते हैं, लेकिन यह सीमा से इतनी दूर है कि दुश्मन की निगरानी की पहुंच से बाहर है।
ये हैं राफेल की खूबियां
राफेल का राडार F-16 विमानों के मुकाबले बेहद मजबूत है और 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट सेट कर सकता है। इसके साथ ही खतरनाक और आधुनिक मिसाइलों से लैस राफेल 300 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को निशाना बना सकता है। इसमें लो लैंड जैमर, 10 घंटे तक की डाटा रिकॉर्डिंग और इजरायली हेलमेट वाली डिस्प्ले की सुविधा भी है। राफेल कई खूबियों वाले रडार वॉर्निंग रिसीवर, इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से भी लैस है।
भारत को मिलने हैं कुल 36 राफेल विमान
गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच लगभग 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमानों का समझौता हुआ है। अभी तक दो जत्थे भारत में पहुंच चुके हैं। अगले साल के अंत तक सभी 36 विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। इनमें से छह ट्रेनर विमान और 30 लड़ाकू विमान होंगे। इनके आने से निश्चित तौर पर वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा। राफेल 4.5 पीढ़ी का मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट लड़ाकू विमान है।