कोरोना वायरस: क्यों लगाया जा रहा सर्दियों में मामले बढ़ने का अनुमान और क्या है पेंच?
इस समय ज्यादातर लोगों के दिमाग में एक ही सवाल घूम रहा है कि सर्दियों में कोरोना वायरस किस तरीके से व्यवहार करेगा? कई विशेषज्ञों ने इस मौसम में संक्रमण तेजी से फैलने और महामारी के बिगड़ने की आशंका जताई है, लेकिन इसमें एक बड़ा पेंच भी है। ये पेंच क्या है और क्यों विशेषज्ञ सर्दियों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
सर्दियों में बढ़ते हैं वायरस से होने वाली बीमारियों के मामले
ये देखा गया है कि वायरस से होने वाली ज्यादातर बीमारियों, खासकर श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले ठंड के मौसम में बढ़ जाते हैं। इसका सबसे सटीक उदाहरण फ्लू वायरस है जिसकी वजह से सबसे अधिक मौत सर्दियों में होती हैं। इसका एक मुख्य कारण ये है कि सर्दियों में लोग अंदर रहना ज्यादा पसंद करते हैं और इससे वायरस को तेजी से फैलने में मदद मिलती है। बंद परिसर संक्रमण की रफ्तार को और बढ़ाने का काम करते हैं।
इसी ट्रेंड के चलते जताई जा रही कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका
वायरसों के इसी ट्रेंड को देखते हुए सर्दियों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। उत्तरी गोलार्द्ध के पश्चिमी देशों (यूरोप और अमेरिका) में ऐसा होने की सबसे अधिक संभावना जताई जा रही है क्योंकि यहां लोग सर्दियों में अंदर रहना ज्यादा पसंद करते हैं। विशेषज्ञों ने एक ही व्यक्ति को कोविड और फ्लू, दोनों होने की संभावना भी जताई है और इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के अनुमानों में ये है बड़ा पेंच
सर्दियों में कोरोना वायरस के व्यवहार के इन अनुमानों में एक बड़ा पेंच ये है कि अभी तक इस वायरस ने अन्य वायरसों की तरह व्यवहार नहीं किया है। उदाहरण के तौर पर गर्मियों में इसके संक्रमण की रफ्तार कम नहीं हुई, जैसा कि आमतौर पर अन्य वायरसों के साथ होता है। इसके अलावा मई-जुलाई की सर्दियों में दक्षिणी गोलार्द्ध में संक्रमण के मामलों में उछाल देखने को नहीं मिला, जैसा कि होना चाहिए था।
भारत में कैसा रहता है ट्रेंड?
भारत में वायरस से होने वाली बीमारियों का ट्रेंड बाकी देशों से थोड़ा अलग है और यहां मानसून के मौसम में ऐसी बीमारियों के मामले सबसे अधिक बढ़ते हैं। सर्दियों में भी मामलों में थोड़ा उछाल देखने को मिलता है, लेकिन ये मानसून के मुकाबले लगभग आधा होता है। भारत में मानसून का मौसम (जून-सितंबर) निकल चुका है और इस दौरान कोरोना के मामलों में उछाल भी देखने को मिला। सितंबर के अंत से मामलों में कमी आ रही है।
भारत में सर्दियों में थोड़े बढ़ सकते हैं मामले
इस ट्रेंड के हिसाब से सर्दियों के मौसम में भारत में कोरोना वायरस के मामले थोड़े बढ़ सकते हैं और विशेषज्ञों ने इसकी आशंका भी जताई है। इंडियन कॉलेज ऑफ फिजिशियन्स के डीन डॉ शशांक जोशी के अनुसार, सर्दियों में भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी पीक देखने को मिल सकती है, खासकर उत्तरी राज्यों में। हालांकि, ये पीक मानसून के मुकाबले कम रहने की संभावना है और मास्क आदि का प्रयोग करके इस पर काबू पाया जा सकता है।
अभी क्या है देश-दुनिया का हाल?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 3.64 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 10.60 लाख लोगों की मौत हुई है। वहीं भारत में कुल मामलों की संख्या 69,06,151 है और 1,06,490 लोगों की जान गई है।