अमेरिकी संसद पर ट्रंप समर्थकों के हमले पर दुनिया की क्या प्रतिक्रिया रही?
क्या है खबर?
एक अभूतपूर्व घटना में बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थकों ने अमेरिकी संसद पर धावा बोल दिया और संसद में जमकर तोड़फोड़ और नारेबाजी की।
इस घटना में चार लोगों की मौत भी हुई है और इसने लोकतंत्र की मिसाल माने जाने वाले अमेरिका को पूरी दुनिया में शर्मसार कर दिया है।
हमले पर भारत समेत कई देशों और उनके राष्ट्राध्यक्षों की प्रतिक्रिया भी आई है। आइए जानते हैं किसने क्या कहा।
भारत
प्रधानमंत्री मोदी बोले- दंगे और हिंसा की खबरें देखकर परेशान
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी संसद पर हुए इस हमले की निंदा करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता के हस्तांतरण का अनुरोध किया।
गुरूवार सुबह ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, 'वॉशिंगटन डीसी में दंगों और हिंसा की खबरें देखकर परेशान हूं। सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण औऱ व्यवस्थित ढंग से होना चाहिए। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को किसी भी गैरकानूनी विरोध प्रदर्शन के जरिये विकृत नहीं होने दिया जा सकता।'
ब्रिटेन
बोरिस जॉनसन ने अमेरिकी संसद के दृश्यों को बताया अपमानजनक
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी अमेरिकी संसद के इन अपमानजनक दृश्यों की निंदा की है। ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, 'अमेरिकी संसद में अपमानजनक दृश्य। अमेरिका पूरी दुनिया में लोकतंत्र की मिसाल है और इसलिए यह जरूरी है कि सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से हो।'
वहीं ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा, "सत्ता के कानूनी और उचित हस्तांतरण को रोकने के इन हिंसक प्रयासों का कोई बचाव नहीं हो सकता।"
फ्रांस
हम हिंसा के आगे हार नहीं मानेंगे- फ्रांसीसी राष्ट्रपति
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी वीडियो संदेश जारी करते हुए अमेरिकी संसद पर हुए इस हमले की निंदा की है। अपने वीडियो में उन्होंने कहा, "आज वॉशिंगटन में जो हुआ, वह अमेरिकी नहीं है। हम उन कुछ लोगों की हिंसा के आगे हार नहीं मानेंगे जो लोकतंत्र पर सवाल उठाना चाहते हैं। हम लोकतंत्र पर विश्वास करते हैं।"
वहीं फ़्रांस के विदेश मंत्री जीन ले द्रियान ने इस हमले को अमेरिकी लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
अन्य यूरोपी देश
स्पेन और जर्मनी समेत इन यूरोपीय देशों ने भी की निंदा
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सेंचेज ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मुझे अमेरिका के लोकतंत्र की ताकत पर विश्वास है। नए राष्ट्रपति जो बाइडन देश को इस तनावपूर्ण माहौल से बाहर लेकर जाएंगे और अमेरिकी नागरिकों को एकजुट करेंगे।"
वहीं जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने ट्रंप समर्थकों से लोकतंत्र को कुचलना बंद करने को कहा।
नीदरलैंड्स, आयरलैंड, ग्रीस, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क और स्लोवेनिया आदि यूरोपीय देशों ने भी घटना की निंदा की है।
सहयोगी देश
ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के प्रधानमंत्रियों ने भी की घटना की निंदा
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने घटना पर कहा, 'अमेरिकी संसद से बहुत चिंताजनक दृश्य देखने को मिल रहे हैं। हम इस हिंसा की निंदा करते हैं और अमेरिका की महान लोकतांत्रिक परंपरा के तहत नए निर्वाचित प्रशासन को सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की आशा करते हैं।'
वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, 'अमेरिका में लोकतंत्र पर हुए हमले से कनाडाई लोगों को भी धक्का लगा है। हिंसा के जरिए लोगों के मत को बदला नहीं जा सकता।"
चीन
चीन ने साधा अमेरिका पर निशाना, बताया खूबसूरत दृश्य
चीनी की सरकार की तरफ से तो घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, हालांकि सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने हांगकांग की विधानसभा पर प्रदर्शनकारियों के हमले और अमेरिका संसद पर हुए हमले की तुलना करते हुए पूछा है कि क्या हांगकांग के दंगों को खूबसूरत दृश्य बताते वालीं अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नेंसी पेलोसी अब इस हमले को भी खूबसूरत बताएंगी।
वहीं चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की युवा विंग ने भी इस हमले को खूबसूरत दृश्य बताया है।