
प्रधानमंत्री ने अमरावती के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी, बोले- यहां परंपरा और प्रगति साथ चलते हैं
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश में 58,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इनमें से 49,000 करोड़ रुपये अमरावती को राजधानी के रूप में पुनर्निमाण से जुड़ी 74 प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं।
इसके तहत अमरावती में विधानसभा, सचिवालय, उच्च न्यायालय और न्यायिक अधिकारियों के लिए आवासों का निर्माण किया जाना है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अमरावती वो धरती है, जहां परंपरा और प्रगति दोनों साथ चलते हैं।
बयान
प्रधानमंत्री बोले- अमरावती स्वर्ण आंध्र के विजन को ऊर्जा देगी
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम सब जानते हैं कि इंद्रलोक राजधानी का नाम अमरावती था, लेकिन अब अमरावती आंध्र प्रदेश की राजधानी है। ये सिर्फ संयोग नहीं है ये स्वर्ण आंध्र के निर्माण का भी शुभ संकेत है। अमरावती स्वर्ण आंध्र के विजन को ऊर्जा देगी। अमरावती एक शहर नहीं, बल्कि एक सपना है जो सच हो रहा है। आज शुरू किए गए विकास कार्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे और आंध्र प्रदेश के विकास को गति देंगे।"
परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं की रखी नींव
प्रधानमंत्री ने 7 सड़क मार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनसे तिरुपति, श्रीकालहस्ती, मालाकोंडा और उदयगिरि किले जैसे धार्मिक और पर्यटक स्थलों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने 11,240 करोड़ रुपये की लागत बनने वाले 5,200 घर, विधानसभा, उच्च न्यायालय, सचिवालय और दूसरे प्रशासनिक भवन की आधारशिला रखी।
इसके अलावा बुग्गनपल्ले सीमेंट नगर और पन्यम स्टेशनों के बीच डबल रेल लाइन और रायलसीमा और अमरावती के बीच रेल लाइन का निर्माण समेत 4 रेल परियोजनाओं की सौगात भी दी।
अमरावती
अमरावती के पुनर्निर्माण की कहानी क्या है?
दरअसल, 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग कर नया राज्य तेलंगाना बना, जिसकी राजधानी हैदराबाद थी। हैदराबाद को 10 सालों के लिए आंध्र प्रदेश की भी राजधानी बनाया गया।
इसी दौरान अमरावती को नई राजधानी के रूप में विकसित करने का फैसला लिया गया। चंद्रबाबू नायडू ने इसके लिए किसानों से जमीन भी ली, लेकिन वाईएस रेड्डी की सरकार आने के बाद ये योजना अधर में चली गई।
2024 में जब नायडू दोबारा मुख्यमंत्री बने तो इसपर काम शुरू हुआ।
केरल
प्रधानमंत्री ने केरल में विंजिझम बंदरगाह का उद्घाटन भी किया
इससे पहले आज ही प्रधानमंत्री ने केरल में 'विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज बंदरगाह' का उद्घाटन किया।
यह देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है, जिसे करीब 8,900 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
इस बंदरगाह को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है।
ये भारत का पहला समर्पित ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह है और देश का पहला सेमी-ऑटोमेटिक बंदरगाह भी है।