पांच राज्यों में हार पर कांग्रेस का महामंथन, सोनिया गांधी बनी रहेंगी अंतरिम अध्यक्ष
क्या है खबर?
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार पर रविवार को लगभग साढ़े चार घंटे महामंथन के बाद भी कांग्रेस वहीं की वहीं खड़ी है और सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक में सोनिया गांधी और गांधी परिवार के अन्य सदस्यों ने अपने पदों से इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन पार्टी ने इसे खारिज कर दिया।
हालांकि उनसे संगठन की कमजोरियों को ठीक करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया गया है।
बयान
बैठक में सोनिया ने कही पार्टी के लिए पद का बलिदान देने की बात
दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर हुई कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (CWC) की बैठक के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा के नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, "कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने (बैठक में) कहा कि अपने परिवार के सदस्यों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ वो पार्टी के लिए (अपने पदों का) बलिदान देने को तैयार हैं, लेकिन हम सबने इसे खारिज कर दिया।"
बयान
CWC ने सर्वसम्मति से सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा व्यक्त किया- कांग्रेस
बैठक के बाद कांग्रेस ने भी आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें उसने कहा, "CWC सर्वसम्मति से श्रीमति सोनिया गांधी के नेतृत्व पर अपना भरोसा व्यक्त करती है और कांग्रेस अध्यक्ष से आगे बढ़कर नेतृत्व करने, संगठनात्मक कमजोरियों को दूर करने और राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए सगंठन में आवश्यक और व्यापक बदलाव करने का अनुरोध करती है।"
बयान के अनुसार, CWC का हर एक सदस्य चाहता है कि सोनिया संगठन के चुनावों तक पार्टी का मार्गदर्शन करती रहें।
सुधार
चुनावी चुनौतियों से निपटने के लिए कांग्रेस उठाएगी सुधारात्मक कदम
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपने एक बयान में कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों और 2014 लोकसभा चुनाव से संबंधित चुनावी चुनौतियों से निपटने के लिए कांग्रेस पूरी तैयारी करेगी और CWC बैठक में तय किए गए सुधारात्मक कदमों को तुरंत लागू किया जाएगा।
वहीं पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता चाहता है कि राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें, हालांकि पार्टी का अगला अध्यक्ष अगले आंतरिक चुनाव में चुना जाएगा।
खराब प्रदर्शन
चुनावों में बेहद शर्मनाक रहा कांग्रेस का प्रदर्शन
बता दें कि पांच राज्यों में हुई विधानसभा चुनावों में कांग्रेस लगभग साफ हो गई और वह एक भी राज्य नहीं जीत पाई। मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा में उसे भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
पंजाब और उत्तर प्रदेश में तो उसका प्रदर्शन और भी खराब रहा। पंजाब में वह 117 सीटों में से मात्र 18 सीटें जीत पाई। उत्तर प्रदेश में खुद प्रियंका गांधी ने पार्टी की कमान संभाली थी, लेकिन पार्टी मात्र दो सीटें जीत पाई।
सुधार की मांग
करारी हार ने सुधार की मांगों को दी हवा
कांग्रेस की इस करारी हार ने पार्टी में चली आ रही सुधार की मांगों को एक बार फिर से हवा दी है। इन सुधारों की मांग करने वाले G-23 गुट के कुछ नेताओं ने शुक्रवार रात को गुलाम नबी आजाद के घर पर बैठक भी की।
CWC की बैठक में भी G-23 के तीन नेता शामिल रहे और उन्होंने अपने विचार पेश किए।
इसके अलावा शशि थरूर ने भी ट्वीट कर कहा है कि पार्टी में बदलाव होने चाहिए।