उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के 97 और बसपा के 72 प्रतिशत उम्मीदवारों की जमानत जब्त
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को न सिर्फ करारी हार का सामना करना पड़ा है बल्कि इन पार्टियों के अधिकतर प्रत्याशियों की जमानत ही जब्त हो गई।
कांग्रेस के 399 में से 387 (लगभग 97 प्रतिशत) और बसपा के 403 में से 290 (72 प्रतिशत) उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए।
प्रचंड जीत के बाद भी भाजपा के तीन और दूसरे नंबर पर रही समाजवादी पार्टी के छह उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है।
जानकारी
जमानत जब्त होने का क्या मतलब?
लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को चुनाव आयोग के पास 25,000 रुपये और विधानसभा के प्रत्याशी को 10,000 रुपये जमा कराने होते हैं। इस राशि को जमानत राशि कहा जाता है।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को आधी राशि जमा करानी होती है।
चुनाव के दौरान अगर किसी उम्मीदवार को कुल मतों के छठवें हिस्से से कम मत मिलते हैं तो उसे यह राशि वापस नहीं की जाती। इसे ही जमानत जब्त होना कहा जाता है।
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कांग्रेस को मिले रालोद से भी कम मत
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की लगभग सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे 2.4 प्रतिशत वोट मिले। यह राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को मिले 2.9 प्रतिशत से कम है, जबकि रालोद ने महज 33 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
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भाजपा के सहयोगियों ने नहीं गंवाई जमानत
376 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा के तीन उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है, जबकि उसकी सहयोगी पार्टियों ने एक भी सीट पर जमानत नहीं खोई।
भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी और अपना दल (सोनेलाल) ने 27 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और ये सभी जमानत बचाने में सफल रहे हैं।
इससे पता चलता है कि इन पार्टियों के उम्मीदवारों ने कड़ी मेहनत की और वो मुकाबले में बने हुए थे।
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सपा के सहयोगियों का क्या हाल?
सपा ने उत्तर प्रदेश में 346 उम्मीदवार उतारे थे और उसके छह प्रत्याशी जमानत जब्त होने से नहीं रोक सके।
अगर अखिलेश यादव की पार्टी के सहयोगियों की बात करे तो रालोद के 33 में से तीन, अपना दल (कमेरावादी) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के 25 में से आठ उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है।
वहीं पूरे राज्य की बात करें तो चुनाव लड़ने वाले 4,442 में से 3,522 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
क्या रहे चुनाव के नतीजे?
राजनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश की बात करें तो राज्य की 403 सीटों में से 273 पर भाजपा और उसके सहयोगियों ने जीत दर्ज की है। इसके साथ ही भाजपा दोबारा सत्ता में लौट आई है।
सपा और उसके सहयोगी मात्र 125 सीट ही जीत पाए, वहीं मायावती की बहुजन समाज पार्टी लगभग साफ हो गई है और मात्र एक सीट जीत हासिल की।
कांग्रेस ओर अन्य ने केवल दो-दो सीटें अपने नाम की हैं।