
पहलगाम हमले का एक महीना: जांच कहां तक पहुंची, अब तक क्यों नहीं पकड़े गए आतंकी?
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को आज एक महीना हो गया है। 22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस हमले की जांच कर रही है, जिसमें सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है, लेकिन अभी तक हाथ खाली है।
आइए जानते हैं एक महीने में क्या-क्या हुआ।
जांच
100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार, 3,000 लोगों से हुई पूछताछ
पहलगाम हमले की जांच पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में इसे NIA को सौंप दिया गया। तब से NIA 113 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें कई ओवरग्राउंड वर्कर्स हैं, जिन्हें जेल भेजा गया है।
वहीं, NIA 3,000 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इनमें पर्यटक, स्थानीय लोग, घोड़ागाड़ी वाले, दुकानदार, मृतकों के परिजन समेत कई लोग शामिल हैं। इसके बावजूद NIA के हाथ अभी कुछ खास सबूत नहीं लगे हैं।
तकनीक
घटनास्थल की 3D मैपिंग हुई, डिजिटल डेटा खंगाल रही NIA
जांच के दौरान NIA तकनीक का भी खूब सहारा ले रही है।
NIA ने घटनास्थल से पीड़ितों के परिवार के सदस्यों और कुछ अन्य पर्यटकों द्वारा लिए गए वीडियो और तस्वीरों समेत अन्य डिजिटल डेटा जुटाया है। इसकी फोरेंसिक जांच की जा रही है।
वहीं, गवाहों और दुकानदारों के बयानों के आधार पर बैसरन घाटी की 3D मैपिंग भी की है। इससे पता लगेगा कि आतंकी कहां से आए और किधर गए।
इनाम
आतंकियों के स्केच जारी किए गए, 20-20 लाख का इनाम
24 अप्रैल को अनंतनाग पुलिस ने 3 स्केच जारी किए। इसमें तीन आतंकियों के नाम थे- आदिल हुसैन ठोकर, हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली उर्फ तल्हा भाई। इनके बारे में सूचना देने वालों को 20-20 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की गई।
स्केच के साथ एक फोटो भी जारी की गई। इसमें 4 आतंकी जंगल में राइफल लिए खड़े हैं। इसमें इन तीनों आतंकियों के अलावा जुनैद अहमद भट्ट भी था।
विशेषज्ञ
हिरासत में लिए गए ज्यादातर लोग रिहा- अधिरकारी
इंडियन एक्सप्रेस से जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "2 उद्देश्य से लोगों को हिरासत में लिया गया था- सुराग प्राप्त करना और संदेश देना कि हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पहले उद्देश्य को लेकर बहुत ज्यादा प्रगति नहीं हुई है।"
एक अन्य अधिकारी ने कहा, "हिरासत में लिए गए अधिकांश लोगों को रिहा कर दिया गया है। पुलिस और NIA को कई लोगों के बारे में जानकारी मिली, लेकिन अधिकांश सुराग झूठे पाए गए।"
वजह
गिरफ्त से क्यों दूर हैं आतंकी?
दैनिक भास्कर के मुताबिक, आतंकी लगातार घने जंगल, पहाड़ों और गुफाओं में छिप रहे हैं और रात में लोकेशन बदल रहे हैं।
दैनिक भास्कर से जम्मू कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद्य ने कहा, "मुझे लगता है कि आतंकी किसी घर में छिपने की कोशिश नहीं करेंगे। वहां से सूचनाएं लीक होने का खतरा रहता है। वे जंगल, पहाड़ों या गुफाओं में वे ज्यादा दिनों तक नहीं रह सकते। उन्हें बाहरी मदद से खाना और जरूरी सामान मिल रहा होगा।"