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कैसे रामेश्वरम कैफे में धमाके के मुख्य आरोपियों तक पहुंची NIA?
NIA ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में धमाके के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है

कैसे रामेश्वरम कैफे में धमाके के मुख्य आरोपियों तक पहुंची NIA?

Apr 12, 2024
05:55 pm

क्या है खबर?

बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में धमाके से संबंधित मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में धमाके के 2 मुख्य आरोपी पकड़े गए हैं। इनमें धमाके को अंजाम देने वाला मुसाविर हुसैन शाजिब और इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड अब्दुल मतीन ताहा शामिल हैं। NIA को 42 दिन की कड़ी मेहनत के बाद यह सफलता मिली है। आइए जानते हैं कि वह आरोपियों तक कैसे पहुंची।

रिपोर्ट

ऐसे NIA की रडार पर आए आरोपी

शीर्ष खुफिया सूत्रों ने न्यूज 18 को बताया कि दोनों आरोपियों ने 42 दिन एक ही पैटर्न को अपनाया, जिस पर एजेंसियां नजर रखे हुई थीं। उन्होंने कहा कि आरोपी केवल ऐसे गेस्टहाउस या निजी लॉज में रुकते थे, जहां पहचान की पुष्टि नहीं की जाती। पहली सफलता तब मिली जब NIA को एक आरोपी की टोपी मिली। सूत्रों ने बताया, "इसे चेन्नई के स्टोर से खरीदा गया था। वे यहां लॉज में रुके थे और अपनी लोकेशन बदलते रहे।"

गिरफ्तारी

इस तरह आरोपियों तक पहुंची NIA

आरोपियों का पैटर्न पता चलने के बाद NIA ने आगे की कार्रवाई शुरू की। सूत्रों के अनुसार, "हमने उन सभी छोटे पर्यटक शहरों पर नजर रखी, जहां पहचान के लिए लॉज की जांच नहीं की जाती है। आखिरकार आरोपी (बंगाल के) पूर्वी मिदनापुर के दीघा में पाए गए।' दोनों आरोपी कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं। शाजिब ने कैफे में वो बैग रखा था, जिसमें धमाका हुआ था, वहीं ताहा ने पूरी साजिश रची थी।

चकमा

सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए शाजिब ने कई बार बदला हुलिया 

CCTV फुटेज के विश्लेषण से सामने आया कि सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए धमाके के बाद शाजिब ने कई बार अपना हुलिया बदला था। एक CCTV फुटेज में वह पूरी बांह की शर्ट, हल्के रंग की पोलो टोपी, चश्मा और फेस मास्क लगाए हुए दिखा, वहीं दूसरी फुटेज में उसने बैंगनी रंग की आधी बांह की टी-शर्ट, एक काली टोपी और मास्क पहने हुआ था, लेकिन चश्मा नहीं था। तीसरी फुटेज में वह टोपी और चश्मे के बिना दिखा।

जानकारी

आखिरी बार बेल्लारी बस स्टैंड पर नजर आया था शाजिब

शाजिब ने धमाके के लगभग एक घंटे बाद बेंगलुरु के बाहरी इलाके से तुमकुर जाने वाली बस पकड़ी थी। इसके लगभग 6 घंटे बाद रात 8:58 बजे वह बेल्लारी बस स्टैंड पर नजर आया। ये आखिरी बार था, जब उसे देखा गया था।

धमाका

रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को हुआ था धमाका

1 मार्च को बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड स्थित मशहूर रामेश्वरम कैफे में विस्फोट हुआ था, जिसकी चपेट में आने से 9 लोग घायल हो गए थे। शुरू में इसे गैस सिलेंडर से हुआ धमाका माना गया, लेकिन बाद में जानकारी सामने आई कि धमाके में इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का उपयोग किया गया है। NIA ने मामले में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के बेल्लारी मॉड्यूल का हाथ होने का शक है।