रामेश्वरम कैफे धमाका: कैसे फर्जी आधार कार्ड और सिम कार्ड से पकड़ में आए आरोपी?
क्या है खबर?
बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में हुए धमाके में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता से अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब नामक 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
अब इन आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले के खुलासे में फर्जी दस्तावेज और सिम कार्ड की भूमिका सामने आई है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आरोपियों ने लॉज में ठहरने के लिए फर्जी आधार कार्ड और इसी आधार कार्ड से खरीदी एक सिम का इस्तेमाल किया था।
आधार कार्ड
फर्जी आधार कार्ड से कैसे मिला सुराग?
रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई में लॉज में रुकने के लिए आरोपी ने फर्जी आधार कार्ड दिया था। यहां से NIA को मुजम्मिल शरीफ नामक शख्स का नंबर मिला। कथित तौर पर शरीफ ने ही धमाके के लिए आरोपियों को सामग्री मुहैया कराई थी।
इसके बाद एजेंसी ने शरीफ को गिरफ्तार किया और उसके पास से कंप्यूटर और कुछ दस्तावेज भी बरामद किए गए। शरीफ इस्लामिक स्टेट (IS) में भर्ती से जुड़े मामले में पहले से NIA की रडार पर था।
सिम
कभी भी नई सिम नहीं खरीदते थे आरोपी
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आरोपियों ने कभी भी नया फोन या सिम कार्ड नहीं खरीदा, बल्कि एक ही सिम को अलग-अलग लोग इस्तेमाल करते थे।
एजेंसी ने आरोपियों के पास से एक फोन बरामद किया था, जिसमें कथित तौर पर 150 से ज्यादा अलग-अलग सिम इस्तेमाल की गई थीं, जो फर्जी दस्तावेजों से खरीदी गई थीं।
आरोपी बचने के लिए नकली दस्तावेज से खरीदी गई सिम, पुराने मोबाइल, फर्जी दस्तावेज और एंक्रिप्टेड चैट का इस्तेमाल कर रहे थे।
लेनदेन
क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन कर रहे थे आरोपी
आरोप है कि ताहा ने अज्ञात क्रिप्टोकरेंसी रूट के जरिए घटना को अंजाम देने के लिए जरूरी धन राशि जुटाई थी। ताहा ने अपने परिचितों और सहयोगियों से भारतीय रुपये में पैसे लिए थे, जिसके बदले उन्हें क्रिप्टो में भुगतान करने की बात कही थी।
धमाके के लिए विस्फोटक सामग्री जुटाने के लिए भी ताहा ने शरीफ को क्रिप्टो के जरिए भुगतान किया था। इसके लिए उसने अपने परिचितों के खातों का इस्तेमाल किया था।
आरोपी
4 सालों से बार-बार जगह बदल रहे थे आरोपी
ताहा और शाजिब ने IS से प्रेरित होकर 2020 से पहले विदेश यात्रा की थी। इसके बाद से ही दोनों भारत में रह रहे थे और बार-बार अपनी जगह बदल रहे थे।
बीते 4 सालों में दोनों पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में 6 महीने से लेकर एक महीने तक रहे। इस दौरान दोनों सस्ती जगहों पर रुकते थे और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते थे।
धमाका
क्या है मामला?
1 मार्च को बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड स्थित मशहूर रामेश्वरम कैफे में धमाका हुआ था, जिसकी चपेट में आने से 9 लोग घायल हो गए थे।
शुरू में इसे गैस सिलेंडर से हुआ धमाका माना गया था, लेकिन बाद में जानकारी सामने आई कि धमाके में IED का उपयोग किया गया है।
पहले मामले की जांच कर्नाटक पुलिस कर रही थी, जिसे बाद में NIA को सौंप दिया गया। धमाके को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी हुई थी।