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पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत को मिलीं अत्याधुनिक रूसी मिसाइलें, जानें ताकत
भारत को रूस से इग्ला-एस मिसाइलें मिली हैं

पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत को मिलीं अत्याधुनिक रूसी मिसाइलें, जानें ताकत

लेखन आबिद खान
May 04, 2025
01:39 pm

क्या है खबर?

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच भारत को हथियारों की नई खेप मिली है। भारतीय सेना को रूस से अत्याधुनिक इग्ला-एस (Igla-S) वायु रक्षा मिसाइलें प्राप्त हुई हैं। इन्हें अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया जा रहा है, ताकि दुश्मन के लड़ाकू विमान और ड्रोन इत्यादि को गिराया जा सके। ये मिसाइलें बहुत कम दूरी की वायु सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं, जो सेना की हवाई हमलों से रक्षात्मक करने की क्षमता को और मजबूत करेंगी।

तैनाती

पश्चिमी सीमा पर तैनात की जा रही मिसाइलें

सरकार द्वारा सेना को दिए गए आपातकालीन खरीद अधिकारों के तहत लगभग 260 करोड़ रुपये की लागत से यह सौदा किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, ये मिसाइलें कुछ हफ्ते पहले सेना को मिली हैं और इन्हें पश्चिमी सीमाओं पर तैनात किया जा रहा है, जहां पाकिस्तान से खतरा बना हुआ है।

खासियत

क्या है मिसाइलों की खासियत?

इग्ला-एस को खासतौर पर कम उड़ान वाले विमानों को नीचे मार गिराने के लिए बनाया गया है। पूरी प्रणाली का वजन 18 किलोग्राम और लंबाई 5.16 फीट है। मिसाइल पर 1.17 किलोग्राम का विस्फोटक लगाकर 5-6 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को निशाना बनाया जा सकता है। सेना और वायुसेना के पास 1989 से ही पुरानी इग्ला-1M मिसाइलें हैं, लेकिन कंधे से दागी जाने वाली इग्ला-एस उन्नत संस्करण है। इन्हें कंधे पर रखकर दागा जा सकता है।

समझौता

रूस से बीते साल हुआ था समझौता

इस प्रणाली के लिए रूस से बीते साल 260 करोड़ का समझौता किया गया था। इसके तहत भारत को 48 मिसाइल लॉन्चर, 100 मिसाइल, 48 नाइट साइट और एक मिसाइल परीक्षण केंद्र मिलना था। प्रणाली को असेंबल करने का काम अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजी लिमिटेड को मिला था। इसके अतिरिक्त सेना ने इस श्रेणी की अपनी पुरानी मिसाइलों को भी भारत की एक कंपनी के माध्यम से नवीनीकृत करवाया है।

अन्य कदम

इन हथियारों को भी तैनात कर रही सेना

हाल ही में भारतीय सेना ने फास्ट-ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत 48 लॉन्चर और लगभग 90 VSHORADS (IR) मिसाइलों की खरीद के लिए निविदा जारी की है। सेना लेजर बीम-राइडिंग VSHORADS के नए संस्करण की खरीद पर भी विचार कर रही है। पश्चिमी मोर्चे पर ड्रोन और मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) से उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए सेना ने स्वदेशी एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम के मार्क 1 को तैनात किया है।