रूस से आने वाले नए टी-90 टैंकों को पाकिस्तान की सीमा पर तैनात करेगा भारत
सेना की ताकत बढ़ाने में लगी मोदी सरकार ने एक और रक्षा सौदा किया है। भारत रूस से 13,448 करोड़ रुपये में 464 टी-90 'भीष्म' मुख्य युद्धक टैंक (MBT) खरीदने जा रहा है। ये टैंक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे और इनमें रात के अंधेरे में लड़ने की भी क्षमता होगी। इन टैंकों को पाकिस्तान के साथ लगी पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा। राजस्थान में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर पहले से ही पुराने टी-90 टैंक तैनात हैं।
अप्रैल में CCS ने दी थी मंजूरी
इससे पहले पिछले महीने अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने टी-90 टैंक खरीद के इस सौदे को मंजूरी दी थी। ये टैंक 2022-2026 के बीच कई किस्तों में भारत आएंगे। इन्हें चैन्नई के अवाडी स्थित हेवी वीइकल फैक्ट्री (HVF) में अंतिम रूप दिया जाएगा। 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक, इसके लिए एक महीने पहले ही रूस से अधिग्रहण लाइसेंस को मंजूरी मिल चुकी है।
पाकिस्तान भी कर रहा समान टैंक खरीदने पर विचार
खबर ये भी है कि पाकिस्तान भी रूस के साथ 360 ऐसे ही टैंक के सौदे पर विचार कर रहा है। वह रूस से नए टी-90 टैंक खरीद कर उन्हें चीन के साथ स्वदेशी रूप से बनाना चाहता है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नए टैंक
बता दें कि टी-90 MBT रूस के पुराने टी-90 टैंक का उन्नत और आधुनिक प्रारूप है। यह टैंक पहली बार 2011 में दुनिया के सामने आया थे और इन्हें टैगिल या प्रोरिव के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मूल T-90 टैंक की तुलना में कई सुधार किया गया है और यह रात में भी लड़ने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा इनकी रखरखाव और संचालन क्षमता भी पुराने टी-90 टैंक से बेहतर है।
युद्ध मशीनरी को नया रूप दे रही है सेना
रूस से यह टैंक खरीदने का फैसला ऐसे समय पर आया है जब सेना अपनी युद्ध मशीनरी को नया रूप देने और आधुनिकीरण पर जोर दे रही है। अभी सेना की 67 बख्तरबंद रेजिमेंट के पास 1070 टी-90 टैंक, 124 अर्जुन और 2,400 पुराने टी-72 टैंक मौजूद हैं। सेना इन टैंकों के लिए तिरिक्त लेजर-गाइडेड इन्वार मिसाइल और 125 मिमी APFSDS (आर्मपियरिंग फिन-स्टेबलाइज्ड डिसाइडिंग सॉबट) गोला-बारूद की खरीद पहले ही कर चुकी है।
रूस से ये दो रक्षा सौदे भी हुए
मई की शुरुआत में रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए रूस से 10 कामोव-31 हेलिकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह सौदा लगभग 3,600 करोड़ रुपये का है। ये हेलिकॉप्टर भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्टर कैरियर और युद्धक जहाजों की हवाई खतरों से सुरक्षा करने के लिए खरीदे जा रहे हैं। इसके अलावा मार्च में रूस से नई अकुला-2 परमाणु पनडुब्बी को 10 साल के लिए लीज पर लेने का 3 अरब डॉलर का समझौता भी हुआ था।