पूर्व NSA ने बताया, 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद एयर स्ट्राइक क्यों नहीं की गई
क्या है खबर?
पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के बाद पूरे देश में राजनीतिक नेतृत्व की वाहवाही हो रही है।
इस बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद ऐसी कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
उस समय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) रहे एमके नारायणन ने अब इस पर जबाव दिया है।
आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा।
पाकिस्तान
पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के हर संभव तरीके पर हुआ था विचार
नाराणयन ने अंग्रेजी अखबर 'दि हिंदू' में एक लेख लिखकर कहा है कि अगर मनमोहन सरकार ऐसा करती तो इसे युद्ध छेड़ने के समान माना जाता और यह कूटनीति के मोर्चे पर भारत के पक्ष को कमजोर करता।
उन्होंने बताया कि उस समय पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के हर संभव तरीकों पर विचार विमर्श हुआ था।
इस दौरान एयर स्ट्राइक और अन्य कई योजनाओं पर विचार किया गया और अंत में उन्हें खारिज कर दिया गया।
आतंकी ठिकाने
संभव नहीं था आतंकी ठिकानों पर सटीक निशाना लगाना
नाराणयन ने लिखा है कि उस समय और अभी भी भारत के पास ऐसे सटीक हमले को सूक्ष्मता से अंजाम देने वाली स्पेशल फोर्स नहीं है जैसी अन्य देशों, रूस की स्पेत्सनाज, जर्मनी की GSG-9, अमेरिका के सील कमांडो और ब्रिटेन की SAS और SBS, के पास है।
उनका कहना है कि उस समय महसूस किया गया कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों को सटीक निशाना बना पाना संभव नहीं है।
विचार
'युद्ध समान माना जाता वायु सीमा का उल्लंघन'
नाराणयन के अनुसार, भारत को पाकिस्तान की वायु सीमा का उल्लंघन करना चाहिए या नहीं, इस पर भी खूब विमर्श हुआ था।
अंत में यह महसूस किया गया कि ऐसे कार्रवाई को किसी युद्ध से कम नहीं माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के बाद सैन्य कार्रवाई न करने के लिए आज खूब कोसा जाता है, लेकिन हमें यह भी याद रखना होगा कि भारत के कुछ सबसे अच्छे वर्ष 2009-2012 के दौरान थे।
कूटनीति
पिछले हमलों के वक्त दिखाया गया संयम, भारत की पूंजी
नाराणयन के लिखा है कि पिछले आतंकी हमलों के जबाव में दिखाया गया संयम भारत को कूटनीतिक विश्वसनीयता दिलाने में अहम रहा है।
विश्वास की इसी पूंजी के कारण भारत के परमाणु हथियारों के 'प्रथम प्रयोग नहीं' के वादे पर दुनिया ने भरोसा किया है।
उनके अनुसार सवाल यह है कि एयर स्ट्राइक के बाद भविष्य में भारत के शब्दों को कितना पवित्र माना जाएगा, वो भी तब जब भारत UNSC में स्थाई सदस्यता की मांग कर रहा है।
26/11 आतंकी हमला
क्या हुआ था मुंबई आतंकी हमलों में?
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने हमला किया था।
आतंकियों ने ताज होटल, ओबेरॉय होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनल समेत 6 जगहों पर आतंक मचाया था।
हमले में 164 लोग मारे गए थे, जिनमें कुछ विदेशी भी शामिल थे।
सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था, जबकि एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया था।
कसाब को 21 नवंबर, 2012 को फांसी दी गई थी।