दिल्ली बाल अधिकार आयोग ने कहा, PUBG जैसे गेम हैं बच्चों के लिए हानिकारक
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) ने कहा है कि PUBG जैसे वीडियो और ऑनलाइन गेम बच्चों के लिए हानिकारक हैं। आयोग का कहना है कि इन गेम से बच्चों के दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। DCPCR ने PUBG के अलावा फोर्टनाइट, ग्रांड थेफ्ट ऑटो, गॉड ऑफ वार, हिटमैन, प्लेग इंक और पोकेमोन आदि ऑनलाइन गेम को भी बच्चों के लिए हानिकारक बताया है। बता दें कि भारत में PUBG जैसे ऑनलाइन गेम तेजी से चर्चित हो रहे हैं।
मोदी ने पूछा था, PUBG वाला है क्या?
हाल ही में अपने कार्यक्रम 'परीक्षा पर चर्चा 2.0' में प्रधानमंत्री मोदी ने भी PUBG पर चुटकी लेते हुए ऑनलाइन गेम के बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव के बारे में चर्चा की थी। बता दें कि 'परीक्षा पर चर्चा' के दौरान एक मां ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा था कि वह कैसे ऑनलाइन गेम के प्रति अपने बच्चे के मोह पर काबू पाए। इस पर मोदी ने चुटकी लेते हुए पूछा था, "PUBG वाला है क्या?"
'तकनीक से होना चाहिए विस्तार'
मोदी ने तकनीक को ही समस्या और तकनीक को ही समाधान बताया था। उन्होंने कहा था कि वह खुद तकनीक को बहुत शक्तिशाली मानते हैं, लेकिन हर चीज के दो पक्ष होते हैं। ऑनलाइन गेम की लत के शिकार बच्चों का सलाह देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अगर तकनीक हमें और हमारी सोच को सिकोड़ रही है तो जीवन को बहुत बड़ा नुकसान है। तकनीक से हमारा विस्तार होना चाहिए।
उठती रही है PUBG पर देशभर में प्रतिबंध की मांग
बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग पहले ही PUBG पर देशभर में प्रतिबंध लगाने की सिफारिश कर चुका है। इससे पहले गुजरात सरकार ने PUBG पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। वहीं जम्मू-कश्मीर के छात्रों के एक संगठन ने भी इसे खराब परीक्षा परिणाम का जिम्मेदार मानते हुए प्रतिबंध लगाने की मांग की है। भारत के पड़ोसी देश चीन ने भी पिछले साल दिसंबर में PUBG को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था।