वायु प्रदूषण से हुई डायबिटीज मौतों के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर
भारत में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है और आए दिन इसकी विकटता की पुष्टि विभिन्न रिपोर्ट में होती रहती है। ऐसी ही एक रिपोर्ट में सामने आया है कि वायु प्रदूषण के कारण मरने वाले डायबिटीज के मरीजों की संख्या के मामले में दुनिया में भारत का पहला स्थान है। बुधवार को जारी की गई 'स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019' रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में और क्या-क्या बातें सामने आईं, आइए जानते हैं।
इंसुलिन की क्षमता को कम कर देता है वायु प्रदूषण
रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण इंसुलिन हार्मोन की क्षमता को कम कर देता है, जिससे डायबिटीज होती है। 2017 में वायु प्रदूषण PM 2.5 कणों को वैश्विक स्तर पर टाइप 2 डायबिटीज संबंधित मौतों और विकलांगता का तीसरा सबसे बड़ा कारण माना गया था। पहले और दूसरे नंबर पर शुगर और मोटापा रहा। इस कारण 2017 में विश्व भर में तकरीबन 2.76 लाख मौतें हुई थीं और ऐसी विकलांगता के कारण 1.52 करोड़ आयु वर्षों का नुकसान हुआ था।
भारत में कुल 55,000 मौतें
भारत में वायु प्रदूषण से हुई डायबिटीज के कारण सबसे ज्यादा मौतें हुईं। भारत में इस कारण कुल 55,000 लोगों की मृत्यु हई और 27 लाख आयु वर्षों का नुकसान हुआ। भारत के बाद इस रिपोर्ट में चीन, इंडोनेशिया, मैक्सिको और ब्राजील का स्थान है।
काफी विकट है डायबिटीज और वायु प्रदूषण की समस्याएं
बता दें कि इसी साल डायबिटीज के कारण दुनियाभर में 10 लाख से ज्यादा मौतें हुईं और 5.7 करोड़ आयु वर्षों का नुकसान हुआ। 1990 के मुकाबले मौतों की संख्या में 175 प्रतिशत और आयु वर्षों के नुकसान में 141 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, वायु प्रदूषण के कारण कुल 49 लाख मौतें हुईं, जो कि कुल मौतों का 8.7 प्रतिशत है। इसमें भारत और चीन सबसे आगे रहे और उनके बाद पाकिस्तान, इंडोनेशिया और बांग्लादेश का नंबर आता है।
वायु प्रदूषण में भी भारत और चीन अव्वल
2017 में आउटडोर और इनडोर वायु प्रदूषण के कारण भारत और चीन में मिलाकर 12 लाख से ऊपर लोग मौत के गाल में समा गए। वहीं, पिछले साल हुई एक शोध के अनुसार, भारत में कुल 6.5 करोड़ लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं।
भारत में उपयोग होता है सबसे ज्यादा घरेलू ठोस ईंधन
भारत उन 13 देशों में शीर्ष पर है, जिनमें 10 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को ठोस ईंधन के कारण होने वाले घरेलू वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। भारत की आबादी के कुल 60 प्रतिशत लोग ऐसे घरेलू वायु प्रदूषण का सामना करते हैं, जबकि उसके बाद चीन का स्थान है, जहां यह आंकड़ा 32 प्रतिशत का है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में भारत में ठोस ईंधन उपयोग करने वाले परिवरों की संख्या में कमी आई है।
दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरो में 7 भारतीय शहर शामिल
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में 7 भारत से हैं, वहीं टॉप 5 में पाकिस्तान के फैसलाबाद के अलावा बाकी सारे शहर भारत के हैं। हरियाणा का गुरुग्राम दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। वंही देश की राजधानी दिल्ली इस बार 11वें स्थान पर है। गुरुग्राम के अलावा टॉप 10 में शामिल भारत के 7 शहरों में गाजियाबाद, फरीदाबाद, भिवाड़ी, नोएडा, पटना और लखनऊ हैं।