NEET-UG परीक्षा दोबारा करवाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कही बड़ी बात, सुनवाई जारी
क्या है खबर?
राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET)-UG 2024 के पेपर लीक और कथित अनियमितता से जुड़े मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ करीब 40 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
इसमें राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की वो याचिका भी है, जिसमें अलग-अलग हाई कोर्ट में लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है।
सुनवाई
सिर्फ एक लाख के लिए दोबारा परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते- कोर्ट
याचिकाकर्ता की ओर से वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा, "सरकारी कॉलेजों में 56,000 सीटें हैं और प्राइवेट 52,000। कुल 1 .8 लाख सीट हैं। अगर परीक्षा दोबारा होती है तो 23 लाख के लिए नहीं, 1 .8 लाख के लिए होगी।"
इसपर CJI ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि एक लाख को प्रवेश मिलेगा, हम दोबारा परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते। दोबारा परीक्षा के लिए एक ठोस वजह की जरूरत है कि पूरी परीक्षा पर असर पड़ा है।"
सवाल
वकील ने IIT मद्रास की रिपोर्ट पर उठाए सवाल
वकील हूडा ने कहा कि IIT मद्रास की डेटा एनालिसिस रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरे्स्ट है, क्योंकि IIT मद्रास के निदेशक NTA गवर्निंग बॉडी के सदस्य हैं।
इस पर महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा, "ये गलत है। जो भी IIT JEE एडवांस्ड कराती है, उसके अध्यक्ष NTA के सदस्य होते हैं, लेकिन जिस निदेशक ने ये रिपोर्ट तैयार की, वो सदस्य नहीं हैं।"
रिपोर्ट पर सवाल
वकील बोले- NTA और सरकार पूरा सच नहीं बता रहे
वकील हूडा ने कहा, "NTA और सरकार NEET में अंक ज्यादा मिलने के 2 कारण बता रहे हैं- सिलेबस में कटौती और ज्यादा उम्मीदवार। लेकिन ये पूरा सच नहीं है। सिलेबस घटाया गया तो बढ़ाया भी गया था। मैं बढ़ा हुआ हिस्सा दिखा सकता हूं। IIT मद्रास की रिपोर्ट में जो कर्व दिखाया गया है, उसमें पेपर लीक की बात मानी गई है, मार्क्स बढ़ने की बात मानी गई है। कर्व कहीं ये नहीं दिखाता कि गड़बड़ी नहीं थी।"
सरकार
सरकार ने कही थी व्यापक धांधली नहीं होने की बात
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था, "सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दोषी किसी भी अभ्यर्थी को कोई लाभ न मिले। IIT मद्रास का डाटा एनालिटिक्स कोई बड़ी अनियमितता या बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं दिखाता है। इसमें पिछले 2 वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर कदाचार या स्थानीय पक्षपात के कोई सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में दोबारा परीक्षा कराए जाने की कोई जरूरत नहीं है।"
विवाद
NEET-UG को लेकर क्या है पूरा विवाद?
NEET-UG परीक्षा के दौरान 8 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए थे। पटना से जले हुए प्रश्न पत्र भी बरामद किए गए थे।
जब परिणाम जारी हुआ तो उसमें रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंकिंग (AIR-1) हासिल की थी। इसके बाद पूरे देश में खूब हंगामा हुआ था।
इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में करीब 40 याचिकाएं दायर की गई हैं और CBI मामले की जांच कर रही हैं, जिसने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।