NEET: जिन छात्राओं के जबरन इनरवियर उतरवा गए, वो अब दोबारा दे सकेंगी परीक्षा
क्या है खबर?
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने उन महिला उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) फिर से कराने का फैसला किया है, जिन्हें परीक्षा में बैठने से पहले तलाशी के दौरान कथित तौर पर इनरवियर उतारने के लिए कहा गया था।
अब उन छात्रों को 4 सितंबर को परीक्षा में बैठने का विकल्प दिया जाएगा। NTA द्वारा उन छात्रों को ईमेल के माध्यम से पुष्टि भी मिली थी।
आइए जानते हैं पूरा मामला।
पृष्ठभूमि
किस वजह से हुआ विवाद?
घटना केरल के कोल्लम स्थित मारथोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की है।
यहां NEET परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले युवा लड़कियों को अपने इनरवियर उतारने के लिए मजबूर किया गया था।
घटना का पता तब चला जब एक माता-पिता ने कोट्टारक्का के पुलिस उपाधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने आरोप लगाया था कि परीक्षकों ने उम्मीदवार की ब्रा में मेटल के हुक को 'सुरक्षा जोखिम' माना था।
शिकायत
शिकायत ने क्या उजागर किया?
केरल पुलिस को लिखे अपने पत्र में, पिता ने कहा, "मेरी बेटी को कहा गया कि इनरवियर का हुक मेटल डिटेक्टर में डिटेक्ट हुआ है, इसलिए उसे उतारना होगा।"
हैरान छात्रा ने अपना इनरवियर अपनी मां को दे दिया और उनसे शॉल लेकर खुद को ढक लिया।
पिता ने दावा किया कि 90 प्रतिशत छात्राओं के इनरवियर उतरवाए गए और इसके कारण परीक्षा के दौरान छात्राएं मानसिक रूप से बेहद परेशान रहीं।
कार्रवाई
अधिकारियों ने कैसे की कार्रवाई?
घटना के बाद सात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 और 509 के तहत युवा लड़कियों को इनरवियर उतारने के लिए मजबूर करने और उनका अपमान करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
बाद में अधिकारियों ने मामले में दो कॉलेज कर्मचारियों और तीन NTA कर्मचारियों सहित आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
हालांकि बाद में मामले में आरोपी जमानत पर रिहा भी हो गए।
प्रतिक्रिया
NHRC ने लिया संज्ञान, जांच के आदेश
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी इस घटना का संज्ञान लिया और जांच के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सजा की मांग की।
बाद में NTA ने दावों की जांच करने और चार सप्ताह में वापस रिपोर्ट करने के लिए तीन सदस्यीय तथ्य-खोज दल का गठन किया था।
हालांकि, इंस्टीट्यूट ने आरोपों से इनकार करते हुए किसी भी तरह की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया था।
NTA
NTA ने NEET परीक्षा के नियमों और ड्रेस कोड का किया बचाव
NTA ने विवाद के बीच कहा था, "जहां तक NEET के लिए ड्रेस कोड का सवाल है, यह माता-पिता द्वारा आरोपित ऐसी किसी भी कार्रवाई की अनुमति नहीं देता है। यह कोड उम्मीदवारों की तलाशी और बायोमेट्रिक प्रविष्टि की सुविधा में शामिल लिंग, धार्मिक, सांस्कृतिक, क्षेत्रीय संवेदनशीलता के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए पवित्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रदान करता है।"
विशेष रूप से, केरल के सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने NEET दिशानिर्देशों के पुनर्मूल्यांकन का आह्वान किया था।
NEET
न्यूजबाइट्स प्लस
बता दें कि 17 जुलाई, 2022 को देशभर के लगभग 500 परीक्षा केंद्रों पर NEET का आयोजन किया गया था, जिसमें 18 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए। पिछले बार के मुकाबले इस बार 2.5 लाख ज्यादा छात्रों ने NEET के लिए आवेदन किया था।
देशभर के कॉलेजों में मेडिकल से संबंधित सीटों को भरने के लिए NEET का आयोजन किया जाता है। इसके अंतर्गत आने वाले कोर्सेज में MBBS, BDS और पशु चिकित्सा विज्ञान आदि शामिल हैं।