
NEET विवाद: दोषियों को नए 'पेपर लीक विरोधी' कानून के तहत होगी सजा, क्या हैं प्रावधान?
क्या है खबर?
देश में पेपर लीक को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। राष्ट्रीय प्रवेश सह-पात्रता परीक्षा (NEET) से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में चल ही रहा है कि इस बीच शिक्षा मंत्रालय ने UGC-NET की परीक्षा भी रद्द कर दी है।
मंत्रालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है। ऐसे मामलों से निपटने के लिए इसी साल सरकार ने एक कानून भी बनाया था।
आइए इसके बारे में जानते हैं।
कानून
क्या है कानून?
लगातार पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद 5 फरवरी, 2024 को केंद्र सरकार ने लोकसभा में एक विधेयक पेश किया था। इसे 'सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024' नाम दिया गया था।
6 फरवरी को ये विधेयक लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था। फरवरी में ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद ये विधेयक कानून के तौर पर लागू हो गया था।
सजा
कानून में क्या है सजा का प्रावधान?
कानून के मुताबिक, सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों के इस्तेमाल के लिए दोषी को 3 से 5 साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
अगर कोई व्यक्ति या समूह ऐसा संगठित अपराध करते हैं, जिसमें परीक्षा प्राधिकरण, एजेंसी या कोई अन्य संस्थान शामिल हैं तो उन्हें न्यूनतम एक करोड़ रुपये के जुर्माने के साथ 5 से 10 साल तक की कैद की सजा दी जाएगी।
गिरफ्तारी
आरोपी की बिना वारंट हो सकती है गिरफ्तारी
कानून की धारा 9 में कहा गया है कि सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। जिसका अर्थ है कि दोषी की बिना वारंट के गिरफ्तारी की जा सकती है और मजिस्ट्रेट यह निर्धारित करेगा कि जमानत दी जाए या नहीं।
धारा 10(1) में कहा गया है कि यदि दोषी जुर्माना देने में विफल रहता है तो उसे अतिरिक्त सजा दी जाएगी। कानून संगठित अपराध में शामिल संस्थानों की संपत्तियों को कुर्क और जब्त करने का भी अधिकार देता है।
परीक्षाएं
कानून के दायरे में कौन-कौनसी परीक्षाएं आती हैं?
कानून संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB), बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा करवाई जाने वाली परीक्षाओं पर लागू होता है।
इसके अलावा केंद्र सरकार के वे सभी मंत्रालय और विभाग भी कानून के अंतर्गत आते हैं, जो कर्मचारियों की भर्ती करते हैं। केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किए गए दूसरे प्राधिकरण भी कानून के दायरे में आते हैं।
विवाद
NEET-NET को लेकर हो रहा है विवाद
बीते कुछ सालों में 15 राज्यों में पेपर लीक के कम से कम 41 मामले सामने आए हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और बिहार समेत कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आने के बाद परीक्षाओं को रद्द किया गया है।
हाल ही में NEET को लेकर भी विवाद हो रहा है। इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय ने 18 जून को हुई NET परीक्षा भी एक दिन बाद ही रद्द कर दी है।