वाहनों के लिए नए उत्सर्जन मानक लाने की तैयारी, जानिए कब तक होंगे लागू
केंद्र सरकार महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्यों और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए वाहनों माइलेज के लिए मानदंडों के अगले चरण को पेश करने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, कॉर्पोरेट औसत ईंधन अर्थव्यवस्था (CAFE-III) मानदंडों का तीसरा चरण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) की ओर से तैयार किया जा रहा है। इन्हें कारों के लिए यूरोप के मापदंडों के अनुरूप बनाने की तैयारी है और 2027 से प्रभावी हो सकते हैं।
वाहन निर्माताओं से चल रही बातचीत
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "विनिर्देशों और तकनीकी पहलुओं के संदर्भ में काम चल रहा है, और वाहन निर्माताओं को अपडेटेड मानदंडों को अपनाने के संदर्भ में एक रोडमैप दिया जा रहा है।" इससे पहले ऑटो कंपनियों को उत्सर्जन और दक्षता मापदंडों का पालन करने के लिए अपने वाहन संरचना में बदलाव करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने नए नियमों को लागू होने में 2-3 साल लगने की संभावना जताई है।
अभी इतनी है CO2 उत्सर्जन की निर्धारित सीमा
वर्तमान, CAFE-II मानदंड 2022 में लागू हुए, जो 9 सीट्स और 3,500 किलोग्राम तक वजन वाले पेट्रोल, डीजल, CNG, LPG, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों के लिए लागू है। इसमें कार्बन उत्सर्जन की अनुमत सीमा 113 ग्राम CO2 प्रति किमी है। यूरोप में अनुमत उत्सर्जन स्तर 95 ग्राम CO2 प्रति किमी है, जिसे भारत में CAFE-III मानदंडों के साथ मिलाने की कोशिश की जा रही है। 12 टन या उससे अधिक वजन वाले कमर्शियल वाहन अलग-अलग मानदंडों के अंतर्गत आते हैं।