कोरोना: कम मरीजों के कारण भोपाल को छोड़ मध्य प्रदेश के सभी देखभाल केंद्र बंद
क्या है खबर?
कोरोना महामारी के घटते मामलों का हवाला देते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल को छोड़कर राज्य में बने सभी कोरोना वायरस देखभाल केंद्र बंद करने का फैसला किया है।
31 दिसंबर को सभी जिलाधिकारियों को स्वास्थ्य निदेशालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि देखभाल केंद्रों में इन दिनों अधिकतर बेड खाली पड़े हैं। इसलिए 1 जनवरी से इन्हें बंद किया जा रहा है।
वहीं कांग्रेस ने इसके लिए राज्य सरकार की आलोचना की है।
आदेश
दोबारा शुरू करने के लिए लेनी होगी विशेष अनुमति
आदेश में कहा गया है कि आने वाले दिनों में अगर जरूरत पड़ती है तो जिला प्रशासन को देखभाल केंद्र फिर से शुरू करने के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी।
बता दें कि महामारी की शुरुआत में राज्य में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखकर देखभाल केंद्र खोले गए थे।
यहां पर महामारी के हल्के लक्षणों और बिना लक्षणों वाले मरीजों का रखा जाता था।
यहां का सारा खर्च सरकार की तरफ से वहन किया जाता था।
प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना
कांग्रेस पार्टी ने कोरोना वायरस देखभाल केंद्र बंद करने के फैसले के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है।
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने टाइम्स नाउ से बात करते हुए कहा कि इंदौर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार यहां कोरोना देखभाल केंद्र बंद कर रही है। यह भाजपा सरकार की नीति है। महामारी के समय में यह सरकार लोगों की सेवा करने में असफल रही है।
कोरोना वायरस
मध्य प्रदेश में संक्रमण की क्या स्थिति?
एक समय कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार का सामना कर चुके मध्य प्रदेश में फिलहाल हालात सुधर रहे हैं।
बीते 24 घंटों को दौरान यहां कोरोना संक्रमण के 731 नए मामले सामने आए और नौ लोगों ने इस खतरनाक वायरस के कारण दम तोड़ा।
इसी के साथ यहां कुल संक्रमितों की संख्या 2,43,302 हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इनमें से 9,089 सक्रिय मामले हैं, 2,30,586 लोग ठीक हो चुके हैं और 3,627 की मौत हुई है।
कोरोना वायरस
पूरे देश में कितने लोग संक्रमित?
भारत में अभी तक 1.03 करोड़ लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 1.49 लाख लोगों की मौत हुई है।
पिछले कुछ महीनों में देश में संक्रमण की स्थिति बेहतर हुई है और सितंबर में लगभग 95,000 के पीक के मुकाबले अभी देश में रोजाना 20,000 के आसपास नए मामले सामने आ रहे हैं। दैनिक मौतों की संख्या भी घटकर 300 से कम पर आ गई है।
देश में दो वैक्सीनों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है।