कांग्रेस में बढ़ी अंदरूनी कलह, अधीर रंजन बोले- जिन्हें दिक्कत वे नई पार्टी बना लें
क्या है खबर?
चुनाव दर चुनाव हार का सामना कर रही कांग्रेस में अंदरूनी कलह बढ़ती ही जा रही है और अब पार्टी के लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी ने शीर्ष नेतृत्व की आलोचना करने वाले कपिल सिब्बल पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि जिन नेताओं को लगता है कि कांग्रेस उनके लिए सही पार्टी नहीं है, वे अपनी नई पार्टी बना सकते हैं या किसी अन्य पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
बयान
अधीर रंजन बोले- शर्मनाक गतिविधियों में लिप्त न हों नेता
पत्रकारों के साथ बातचीत में बिना नाम लिए सिब्बल पर हमला करते हुए अधीर रंजन ने कहा, "अगर कुछ नेता सोचते हैं कि कांग्रेस उनके लिए सही पार्टी नहीं है तो वे नई पार्टी बना सकते हैं या जो पार्टी उन्हें प्रगतिशील और उनके हितों के अनुसार लगती है, उसमें शामिल हो सकते हैं। लेकिन उन्हें ऐसी शर्मनाक गतिविधियों में लिप्त नहीं होना चाहिए क्योंकि इनसे कांग्रेस की विश्वसनीयता कम हो सकती है।"
सवाल
बिहार चुनाव के समय कहां थे ये नेता- अधीर रंजन
अधीर रंजन ने कहा कि आलोचना करने वाले नेता गांधी परिवार के करीबी हैं और उनके सामने या सही संच पर अपने मुद्दे उठा सकते हैं।
इन नेताओं की बिहार विधानसभा चुनाव में भागेदारी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "अगर ये नेता सच में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें जमीन पर जाकर अपनी क्षमता सिद्ध करनी चाहिए। क्या वे बिहार चुनाव के दौरान पार्टी के लिए काम करने के लिए आगे आए थे?"
आलोचना
क्या कहा था सिब्बल ने?
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कपिल सिब्बल ने कहा था कि पूरे देश में लोग अब कांग्रेस को प्रभावी विकल्प के तौर पर नहीं देख रहे हैं और पार्टी पहले जैसी ताकत नहीं रही है।
उन्होंने कहा था कि अब आत्मनिरीक्षण का समय समाप्त हो चुका है और सब जानते हैं कि कांग्रेस के साथ क्या दिक्कत है। उन्होंने पार्टी में चुनावों की मांग की थी।
पहली मांग
कांग्रेस में बड़े सुधारों की मांग कर चुके हैं 22 वरिष्ठ नेता
गौरतलब है कि इससे पहले भी कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद समेत 22 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बड़े सुधारों की मांग की थी।
इस पत्र में मांग की गई थी कि पार्टी में स्थानीय समितियों से लेकर अध्यक्ष तक के लिए चुनाव कराए जाएं और प्रदेश इकाइयों को अधिक ताकत और स्वतंत्रता दी जाए।
इस पत्र के लीक होने के बाद जमकर विवाद हुआ था।
जानकारी
बिहार में कांग्रेस के कारण सत्ता में आने से चूका महागठबंधन
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था और वह 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद मात्र 19 सीटें जीत सकी थी। उसके इसी निराशाजनक प्रदर्शन के कारण महागठबंधन सत्ता में आने से चूक गया और बहुमत से दूर रह गया।