पहले जैसी ताकत नहीं रही कांग्रेस, प्रभावी विकल्प के तौर पर नहीं देखते लोग- कपिल सिब्बल
क्या है खबर?
पार्टी में आमूलचूल बदलाव की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले कपिल सिब्बल ने कहा कि लोग उनकी पार्टी को 'प्रभावी विकल्प' के तौर पर नहीं देख रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बिहार चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता सिब्बल ने कहा कि नेतृत्व उन समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है, जिनका पार्टी सामना कर रही है।
बयान
कांग्रेस समस्याओं को समस्या मानने को तैयार नहीं- सिब्बल
सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस को समस्याएं और उनका समाधान मालूम है, लेकिन पार्टी उन्हें समस्याएं मानने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा, "हम में से कुछ लोगों ने पत्र लिखकर कहा था कि कांग्रेस को आगे क्या करना चाहिए, लेकिन हमें सुनने की बजाय उन्होंने हमसे मुंह फेर लिया। उसका नतीजा हम देख रहे हैं। न सिर्फ बिहार बल्कि जहां भी उपचुनाव हुए और पूरे देश में लोग कांग्रेस को अब प्रभावी विकल्प के तौर पर नहीं देखते।"
कांग्रेस की हालत
सिब्बल बोले- आत्मनिरीक्षण का समय समाप्त हो चुका
सिब्बल ने कहा कि अब आत्मनिरीक्षण का समय समाप्त हो चुका है। अगर छह साल में कांग्रेस ने आत्मनिरीक्षण नहीं किया तो अब इसकी उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। सब जानते हैं कि कांग्रेस के साथ क्या परेशानी है।
उन्होंने कहा, "संगठन के तौर पर हम जानते हैं कि क्या समस्या है। हमारे पास इसका जवाब भी है। कांग्रेस को सब बातें मालूम हैं, लेकिन वो इनका समाधान नहीं ढूंढना चाहती। ऐसे में ग्राफ लगातार नीचे गिरता जाएगा।"
सुधार का तरीका
पार्टी में लोकतांत्रिक तरीके से चुनावों की जरूरत- सिब्बल
जब सिब्बल से पूछा गया कि इन मुद्दों का समाधान क्यों नहीं किया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्यों के चुनाव नहीं होते। इन सदस्यों को नामित किया जाता है। आप ऐसे सदस्यों से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वो सवाल करेंगे।
सिब्बल ने कहा कि CWC सदस्यों के चयन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। कांग्रेस के संविधान में भी इसके प्रावधान किए गए हैं।
बयान
"कांग्रेसी हूं, कांग्रेसी रहूंगा"
सोनिया गांधी को लिखे पत्र के बारे में बोलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने कहा कि उसके बाद से किसी तरह की बातचीत या नेतृत्व की तरफ से बातचीत की कोशिश नहीं हुई है ऐसे में उनके पास अपने विचार रखने का कोई मंच नहीं बचा है।
उन्होंने कहा, "मैं सार्वजनिक तौर पर अपने विचार रखने को मजबूर हूं। मैं कांग्रेसी हूं और कांग्रेसी रहूंगा। मैं चाहता हूं कि कांग्रेस लोगों को मौजूदा सरकार का असरदार विकल्प मुहैया कराएं।"
गठबंधन
सिब्बल बोले- पहले जैसी ताकत नहींं रही कांग्रेस
जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी मेंं चुनाव होने से कांग्रेस फिर से खड़ी हो सकेगी? तो उन्होंने कहा कि अगर खामियों को पहचाना नहीं जाता है तो मनचाहे नतीजे नहीं मिलेंगे। नतीजे समय, भरोसे और माहौल में बदलाव के साथ आएंगे।
वहीं गठबंधन के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अब यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि लोग उसके पास आएंगे। कांग्रेस अब पहले जैसी ताकत नहीं रही है।