
पहलगाम हमले के बाद कितनी सुरक्षा में हो रही है अमरनाथ यात्रा?
क्या है खबर?
3 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में अब तक एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं। मंगलवार रात को 7,500 से अधिक तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था जम्मू से गुफा की ओर रवाना हो गया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस साल यात्रा की सुरक्षा को लेकर सख्त इंतजाम किए गए हैं। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की 581 कंपनी तैनात की गई हैं।
सुरक्षा
एंटी-ड्रोन, वायु रक्षा प्रणाली और हाइटेक उपकरण तैनात
इंडियन एक्सप्रेस ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से इस साल की यात्रा सबसे ज्यादा सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। इसमें सेना की तैनाती में भारी वृद्धि और अन्य सुरक्षा उपायों के अलावा ड्रोन रोधी और वायु रक्षा प्रणालियों का उपयोग किया गया है। उपग्रहों, मानवरहित हवाई वाहनों (UAV) और राडार के नेटवर्क का उपयोग करके व्यापक निगरानी भी की जा रही है।
सुरक्षाबल
दोनों मार्गों पर सुरक्षाबलों की बहुस्तरीय तैनाती
यात्रा के दोनों मार्गों पर सुरक्षा बलों की बहुस्तरीय तैनाती की गई है। भारतीय सेना ऊंचाई वाले क्षेत्रों और वाहनों या पैदल पहुंच से दूर क्षेत्रों की सुरक्षा कर रही है। पुलिस और अर्धसैनिक बल आबादी वाले क्षेत्रों और तीर्थयात्रा मार्गों के पास तैनात हैं। कुल 581 CAPF कंपनियां तैनाती के लिए उपलब्ध हैं। हर मार्ग का प्रबंधन राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन कर रही है। एक बटालियन में 1,000 से 1,200 सैनिक होते हैं।
बयान
पूरा यात्रा मार्ग नो-फ्लाइ जोन घोषित
इंडियन एक्सप्रेस से एक अधिकारी ने कहा, "विमानों और ड्रोन के लिए नो-फ्लाई जोन पहले ही लागू कर दिए गए हैं। यात्रा मार्गों और आसपास की घाटियों के सभी रास्तों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। सैनिकों द्वारा लगातार गश्त की जा रही है और सभी व्यक्तियों की बहु-स्तरीय सुरक्षा जांच की जा रही है। वाहन मार्गों पर यात्रा काफिलों और नागरिक यातायात के लिए सख्त नियम लागू हैं, ताकि किसी भी तरह की ओवरलैपिंग से बचा जा सके।"
दर्शन
6 दिन में 1.11 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
अमरनाथ यात्रा के पहले 6 दिनों में 1.11 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। आज सुरक्षाबलों की निगरानी में 2 अलग-अलग जत्थे रवाना किए गए हैं। पहले जत्थे में 133 वाहन शामिल थे, जिनमें 3,031 यात्री थे। वहीं, दूसरे जत्थे में 169 वाहन और 4,548 यात्री थे। इस साल यात्रा 38 दिनों तक यानी 9 अगस्त तक चलेगी। श्रद्धालु बालटाल और पहलगाम 2 मार्गों ये गुफा तक पहुंच सकते हैं।