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देश में 244 जगहों पर हुई युद्ध की मॉक ड्रिल; सायरन बजे, ब्लैक आउट शुरू
मुंबई के CSMT पर मॉक ड्रिल करते रेलवे अधिकारी

देश में 244 जगहों पर हुई युद्ध की मॉक ड्रिल; सायरन बजे, ब्लैक आउट शुरू

लेखन आबिद खान
May 07, 2025
08:15 pm

क्या है खबर?

पाकिस्तान पर भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाज आज देश के 244 शहरों में युद्ध की तैयारियों से जुड़ी मॉकड्रिल हुई। इसमें युद्ध से बचने के तरीके और अलग-अलग आपात स्थितियों के समय उठाने वाले कदमों के बारे में लोगों को जागरुक किया गया। मॉक ड्रिल के बाद ब्लैक आउट भी शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश और बिहार के कई शहरों में शाम 7 बजते ही ब्लैक आउट किया गया।

मॉक ड्रिल

दिल्ली से लेकर मणिपुर तक हुई मॉक ड्रिल

मणिपुर की राजधानी इंफाल में आग बुझाकर मरीजों को स्ट्रेचर पर ले जाने की ड्रील की गई। पंजाब के लुधियाना में वेरका मिल्क प्लांट में मॉक ड्रिल की गई। दिल्ली के NDMC कार्यालय में कर्मचारियों को बाहर निकाला गया। झारखंड के बोकारो में स्कूली बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया। सीकर में घायलों को बचाने की मॉक ड्रिल की गई। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन पर भी मॉक ड्रिल की गई।

ट्विटर पोस्ट

ओडिशा की राजधानी में इस तरह हुई मॉक ड्रिल

बिहार

बिहार के 6 जिलों में हुआ ब्लैक आउट

बिहार के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पटना और बेगूसराय में शाम 6.58 बजे सायरन बजा। इसके 2 मिनट बाद 6 जिलों में ब्लैक आउट किया गया और 10 मिनट बाद फिर से बिजली व्यवस्था बहाल की गई। इस दौरान गाड़ियों ने भी सड़क पर रुककर हेडलाइट बंद की। पटना में लोगों ने ब्लैक आउट के दौरान वंदे मातरम और भारत माता की जय जैसे नारे लगाए। एक शख्स तिरंगा लेकर भी पहुंचा।

दिल्ली

दिल्ली में हुआ 15 मिनट का ब्लैक आउट

दिल्ली में भी रात 8:00 बजे से 8:15 बजे तक ब्लैकआउट किया गया। इस दौरान विजय चौक, कर्तव्यपथ, इंडिया गेट पर भी लाइटें बंद की गईं। हालांकि, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आवास, दिल्ली मेट्रो ,अस्पतालों और अहम रणनीतिक स्थानों पर बिजली की आपूर्ति निर्बाध तरीके से जारी रही। इससे पहले शाहदरा स्थित झिलमिल के ESI अस्पताल, भाजपा कार्यालय, खान मार्केट, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और NDMS कार्यालय समेत कई जगहों पर मॉक ड्रिल की गई।

राजस्थान

अंधेरे में डूबे राजस्थान के कई शहर

राजस्थान के कई शहरों में आज शाम 7:30 बजे से ब्लैक आउट शुरू हुआ, जो अलग-अलग शहरों में रात 11:30 बजे तक जारी रहेगा। वहीं, शाम 4 बजते ही कोटा, रावत-भाटा, अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर, सीकर, नाल, सूरतगढ़, आबू रोड, नसीराबाद, भिवरी, फुलेरा, नागौर, जालोर, बेवर, लालगढ़, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और पाली में तेज युद्ध सायरन की आवाज सुनाई दी। इसके बाद अलग-अलग तरीके की मॉक ड्रिल की गई।

ट्विटर पोस्ट

शिमला में ब्लैक आउट से पहले सायरन बजे

ब्लैक आउट

क्या होता है ब्लैक आउट?

युद्ध के दौरान हवाई हमले की संभावना अधिक रहती है। दुश्मन की निगाहें जमीन पर मौजूद रोशनी को अपना निशाना बनाती है। शहरों की जगमगाती लाइटें, गाड़ियों की हेड लाइट्स और घरों की बिजली दुश्मन का लक्ष्य बन जाती है। ऐसे में दुश्मन के हमलों से बचने के लिए ही ब्लैकआउट का सहारा लिया जाता है। इसका उद्देश्य कृत्रिम रोशनी को कम करके दुश्मनों के विमानों और पनडुब्बियों को विशिष्ट स्थानों का पता लगाने और निशाना बनाने से रोकना है।