
दिल्ली में किसी भी तरह के वाहनों पर नहीं लगेगा प्रतिबंध, सरकार के मंत्री किया स्पष्ट
क्या है खबर?
दिल्ली में CNG ऑटो-रिक्शा पर लटकी प्रतिबंध की तलवार अब हट गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है नई इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति 2.0 में ऑटो रिक्शा सहित किसी भी श्रेणी के वाहनों पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने मौजूदा EV नीति को 3 महीने के लिए आगे बढ़ा दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि जब तक नई EV नीति 2.0 लागू नहीं हो जाती, तब तक मौजूदा नीति के नियम ही लागू रहेंगे।
बयान
दिल्ली सरकार के मंत्री ने क्या कहा?
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑटो-रिक्शा या किसी अन्य श्रेणी के वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
उन्होंने कहा, "सरकार अपने निवासियों के लिए कई काम करना चाहती है और हम उन्हें संशोधित EV नीति में शामिल करेंगे।"
मंत्री ने आगे कहा, "मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि ऑटो-रिक्शा पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा और न ही किसी श्रेणी के वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव है।"
प्रस्तावित
इन वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का था प्रस्ताव
इससे पहले कुछ रिपोर्ट में बताया गया था कि ड्राफ्ट पॉलिसी में CNG ऑटोरिक्शा को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का प्रस्ताव लिया गया है और 15 अगस्त से नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लग जाएगी।
मौजूदा परमिट का नवीनीकरण नहीं होगा और उन्हें इलेक्ट्रिक ऑटो परमिट से बदला जाएगा।
10 साल पुराने CNG ऑटो को बदलना या इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करना होगा। नई नीति में 15 अगस्त, 2026 से पेट्रोल और CNG दोपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव था।
प्रोत्साहन
EV पर सरकार देगी प्रोत्साहन
दिल्ली सरकार EV नीति 2.0 पर काम कर रही है, जिसका उद्देश्य प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करना है।
नई नीति के मसौदे में दोपहिया, बस, तिपहिया और माल वाहक वाहनों को शामिल करने का प्रस्ताव है।
इसको बढ़ावा देने के लिए महिला को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की खरीद पर 36,000 रुपये तक और अन्य के लिए प्रति किलोवाट-घंटे 10,000 रुपये सब्सिडी दे सकती है, जो प्रति वाहन 30,000 रुपये तक सीमित है।
फायदा
नई EV नीति से और क्या-क्या होगा फायदा?
नई EV नीति 2.0 का लक्ष्य इसके कार्यान्वयन अवधि के दौरान 20,000 तक रोजगार सृजित करना, चार्जिंग और स्वैपेबल बैटरी स्टेशन के नेटवर्क के साथ बैटरी संग्रह केंद्रों की स्थापना की सुविधा प्रदान करना है।
इस नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित किया जाएगा।
इसका उद्देश्य बड़ी संख्या में जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों को EV में बदलने का उद्देश्य है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।
विस्तार
पहले भी आगे बढ़ाई जा चुकी है नीति
दिल्ली में मौजूदा EV नीति को कई बार बढ़ाया जा चुका है। राजधानी में मौजूदा नीति को अगस्त, 2020 में राज्य सरकार द्वारा प्रमुख पहलों में से एक के रूप में पेश किया गया था।
इसका उद्देश्य वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटना और 2024 तक इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को 25 प्रतिशत तक बढ़ाना था।
शुरुआती 3 साल की अवधि अगस्त, 2024 में समाप्त हो गई, जिसे राज्य सरकार ने कई बार आगे बढ़ाने का फैसला किया।