कोरोना वायरस: लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश पहुंचे प्रवासी मजदूरों पर डाला गया केमिकल वाला पानी
कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए किए गए राष्ट्रीय लॉकडाउन के बाद देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए परेशानियां खड़ी हो गई हैं और वे घर पहुंचने के लिए पैदल-पैदल ही एक से दूसरे शहर में कूच कर रहे हैं। इसको लेकर प्रशासन भी अपने स्तर पर आवश्यक कदम उठा रहा है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के बरेली में पहुंचे प्रवासी मजदूरों को केमिकल वाले पानी से धोने का मामला सामने आया है।
प्रवासी मजदूरों को सड़क पर बैठाकर की केमिकल युक्त पानी की बौछार
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश के बरेली में पहुंचे प्रवासी मजदूरों को बस स्टैंड के पास सड़क किराने बैठाकर उन पर केमिकल वाले पानी की बौछार करते हुए देखा जा सकता है। प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हो रही है। इसमें कहा जा रहा है कि कोरोना से बचाव के नाम पर प्रशासन गरीब मजदूरों को केमिकल स्नान कराकर प्रताड़ित कर रहा है।
25,000 से अधिक मजदूर पहुंचे बरेली
प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि लॉकडाउन में विभिन्न शहर व राज्यों से करीब 25,000 मजदूर बरेली पहुंचे हैं। ऐसे में ऐहतियात के तौर पर उनका रिकॉर्ड रखने के साथ-साथ मेडिकल जांच कराई जा रही है।
अधिकारियों के आदेश पर कराया स्नान
मामले के सोशल मीडिया पर वारयल होने के बाद बरेली के अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सोडियम हाइपोक्लोराइट (तरल ब्लीच) को पानी में मिलाकर श्रमिकों पर बौछार की गई थी और इससे किटाणुओं का खात्मा होता है। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ही ऐसा किया गया था। हालांकि अन्य अधिकारियों ने इस तरह का कोई भी आदेश दिए जाने से इनकार किया है। ऐसे में यह मामला गंभीर होता जा रहा है।
तरल ब्लीच से होती है जलन व खुजली
मामले पर बरेली के डॉक्टर गिरीश मकेर ने कहा कि पानी में तरल ब्लीज मिलाकर त्वचा पर छिड़काव करने से जलन व खुलजी होने का खतरा रहता है। वैसे रसायनों का उपयोग गंदी जगह साफ करने तथा कीटाणुनाशक के रूप में किया जाता है।
वीडियो नहीं देखा है, लेकिन जांच कराई जाएगी- जिला मजिस्ट्रेट
इस मामले में बरेली के जिला मजिस्ट्रेट नीतीश कुमार ने बताया कि उन्होंने अभी तक ऐसा कोई वीडियो नहीं देखा है। उनके पास बाहर से आए मजदूरों का मेडिकल चेक-अप कराने के आदेश हैं। ऐसे में उनको सैनिटाइज करने के लिए ऐसा किया गया होगा। फिर भी वह इस पूरे मामले की जांच कराएंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि अधिकारियों ने ऊपर से मिलने दिशा-निर्देशों के तहत ही कोई कदम उठाया होगा।
जिलाधिकारी बोले- अधिकारियों ने अति सक्रियता के कारण ऐसा किया
उत्तर प्रदेश प्रशासन ने किया था 2,000 बसों का संचालन
बता दें कि उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की परेशान को देखते हुए योगी सरकार ने गत शुक्रवार और शनिवार को विभिन्न शहरों से करीब 2,000 बसों का संचालन करते हुए उन्हें गंतव्य स्थल तक पहुंचाया था। उस दौरान सरकार ने गंतव्य स्थल पर पहुंचने वाले लोगों की मेडिकल जांच के साथ नाम व पते को रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए थे। हालांकि रविवार को केंद्र ने पलायन को रोकने का आदेश दिया था।
भारत और उत्तर प्रदेश में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश में संक्रमितों की संख्या 1,071 पहुंच गई है। इनमें से 29 लोगों की मौत हो गई, जबकि 99 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 75 पहुंच गई है।